Monday, March 22, 2010

महाजाल पर सुरेश चिपलूनकर (Suresh Chiplunkar): उमर अब्दुल्ला, कश्मीर के “पत्थर-फ़ेंकू” गिरोह को सरकारी नौकरी और राहत पैकेज देंगे…… Umar Abdullah, Kashmir Stone Pelters, Subsidy

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    • जम्मू कश्मीर सरकार जल्दी ही एक शासकीय नीति के तहत भारतीय सुरक्षा बलों, नागरिकों और दंगों के समय “पत्थर” फ़ेंकने वाले “गुमराह लड़कों”(??) के पुनर्वास के लिये नीति बना रही है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बताया कि जल्दी ही इस सम्बन्ध में विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया जायेगा, ताकि इन “भटके हुए नौजवानों” (??) को नौकरी या रोज़गार दिया जा सके (यह खबर अब पुरानी हो चुकी है कि कश्मीर के जेहादी संगठन इन युवकों को रोज़ाना 100-200 रुपये की दिहाड़ी देते हैं, और इनका काम सिर्फ़ पत्थरबाजी करना होता है)।
    • (चित्र - कश्मीर में सुरक्षा बलों पर पथराव करते "मासूम" नौजवान)
    • “बाय द वे”, बरेली (बरेली इसलिये कहा क्योंकि यह सबसे ताजा मामला है) समेत देश के प्रत्येक दंगे के समय इस “पत्थर-फ़ेंकू” गिरोह के कुछ “गुमराह युवक”(?) अपनी “डिस्ट्रीब्यूटरशिप” और “फ़्रेंचाइजी” चलाते हैं… कौन कहता है भारत में करियर ऑप्शन कम हैं?
    • (जल्दी ही सरकार "1411 बाघ बचे हैं" की तर्ज पर विज्ञापन निकालने वाली है, "कश्मीर में कुछेक हिन्दू बचे हैं, उन्हें भगाने के लिये POK से आतंकवादी आमंत्रित हैं)

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