अमेरिकi, सोनिया, कांग्रेस और अफजल गुरु
अफजल को सोनिया ने बचाकर रखा है : विकिलीक्स
विकिलिक्स के हवाले से आई ख़बरों के अनुसार अफजल गुरु के मुद्दे पर पूर्व राष्ट्रपति कलाम और सोनिया गाँधी आमने-सामने थे |दैनिक भास्कर में छपी खबर में यह कहा गया है कि 20 अक्टूबर, 2006 को अमेरिकी दूतावास के राजनयिक जेफरी पैट ने गुप्त दस्तावेज (82638) में यह भी कहा गया था, ‘अगर राष्ट्रपति कलाम को लगता है कि सोनिया उन्हें दोबारा राष्ट्रपति नहीं बनने देंगी तो वे इस मुद्दे (अफजल गुरु) के मुद्दे को सही समय पर उछाल भी सकते हैं।’दस्तावेज में अफजल गुरु को लेकर 2007 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के चुनावी असमंजस की बात भी बताई गई है |
बहरहाल , भ्रष्टाचार से घिरी ‘सोनिया कांग्रेस ‘ का असली चरित्र जिसे सब जानते हैं उस पर जमी धुल विकिलीक्स ने साफ़ कर दी है | मुस्लिम वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए कलाम की मर्जी के खिलाफ भी मामले को लटकाए रखने में सोनिया गाँधी की अहम भूमिका है | साल २०११ सोनिया कांग्रेस के हित में नहीं नज़र आ रहा है | बाबा रामदेव , अन्ना हजारे ,किरण बेदी और अरविन्द केजरीवाल जैसे सामाजिक व्यक्तित्वों के खुल कर सामने आने से सोनिया कांग्रेस में मुश्किल और भी बढ़ गयी है | अब जरुरत है विपक्षी दलों को अधिक से अधिक आक्रामक रुख अख्तियार करने की ताकि इस पाप की सरकार से मुक्ति मिल सके |
अफजल को सोनिया ने बचाकर रखा है : विकिलीक्स
विकिलिक्स के हवाले से आई ख़बरों के अनुसार अफजल गुरु के मुद्दे पर पूर्व राष्ट्रपति कलाम और सोनिया गाँधी आमने-सामने थे |दैनिक भास्कर में छपी खबर में यह कहा गया है कि 20 अक्टूबर, 2006 को अमेरिकी दूतावास के राजनयिक जेफरी पैट ने गुप्त दस्तावेज (82638) में यह भी कहा गया था, ‘अगर राष्ट्रपति कलाम को लगता है कि सोनिया उन्हें दोबारा राष्ट्रपति नहीं बनने देंगी तो वे इस मुद्दे (अफजल गुरु) के मुद्दे को सही समय पर उछाल भी सकते हैं।’दस्तावेज में अफजल गुरु को लेकर 2007 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के चुनावी असमंजस की बात भी बताई गई है |
बहरहाल , भ्रष्टाचार से घिरी ‘सोनिया कांग्रेस ‘ का असली चरित्र जिसे सब जानते हैं उस पर जमी धुल विकिलीक्स ने साफ़ कर दी है | मुस्लिम वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए कलाम की मर्जी के खिलाफ भी मामले को लटकाए रखने में सोनिया गाँधी की अहम भूमिका है | साल २०११ सोनिया कांग्रेस के हित में नहीं नज़र आ रहा है | बाबा रामदेव , अन्ना हजारे ,किरण बेदी और अरविन्द केजरीवाल जैसे सामाजिक व्यक्तित्वों के खुल कर सामने आने से सोनिया कांग्रेस में मुश्किल और भी बढ़ गयी है | अब जरुरत है विपक्षी दलों को अधिक से अधिक आक्रामक रुख अख्तियार करने की ताकि इस पाप की सरकार से मुक्ति मिल सके |