Friday, September 11, 2009

सचिन की दुनिया: क्या चीन भारत पर हमला करेगा? (भाग-1)

  • tags: no_tag

    • बहुत संजीदगी के साथ बढ़ रहा है भारत की ओर
    • मित्रों यूँ तो मै चीन का उसके अनुशासन, सैन्य और आर्थिक प्रगति और तेजी से विश्व व्यवस्था में खुद के लिए जगह बनाने का प्रशंसक हूँ। उसने खेलों में भी उल्लेखनीय प्रगति की है और बीजींग ओलंपिक में उसने यह दिखा भी दिया। लेकिन मैं एकमात्र कारण से उससे नफरत करता हूँ और वह यह है कि वह हमारे देश का दुश्मन है और हमारी 90000 वर्ग किलीमीटर भूमि पर उसने अपना अवैध कब्जा जमा रखा है। तो चीन की आगे की प्लानिंग क्या है उसपर मैं बिंदुवार कुछ बातें आपके सामने रख रहा हूँ।
    • चीन ने 50 साल पहले शांत और धीर-गंभीर तिब्बत को अचानक हड़प लिया और दुनिया देखती ही रह गई और कुछ नहीं कर पाई। तिब्बत चीन और भारत के बीच रक्षा दीवार था। लेकिन उसको हड़पने के बाद वह सीधे हमारे सिर के ऊपर आ गया। इसके बाद 1962 के भारत-चीन सीमा विवाद (इसे युद्ध समझें) में उसने हमारी 90 हजार वर्ग किमी भूमि हड़प ली। यह युद्ध उसने दो मोर्चों पर लड़ा। एक तो जम्मू कश्मीर, हिमाचल और उत्तरांचल से जुड़ा हिस्सा और दूसरी अरुणाचल वाला हिस्सा। उस युद्ध में हम हारे और चीन ने हमारा एक बड़ा हिस्सा हड़प लिया। कैलाश मानसरोवर जैसा तीर्थ हमारे हाथ से निकल गया और उस दिन के बाद से चीन तवांग और अरुणाचल प्रदेश को भी अपना हिस्सा बताने से नहीं चूकता।
    • क्या आपको नास्त्रेदमस की वो भविष्यवाणी याद है जिसमें उन्होंने कहा था कि तीसरा विश्वयुद्ध चीन और इस्लामिक देश मिलकर भड़काएँगे। दक्षिण एशिया से शुरुआत होगी और ओरियेंट (उन्होंने भारत का इसी नाम से उल्लेख किया है) सबसे पहले गुलाम बना लिया जाएगा। बाद में अमेरिका, जापान, ब्रिटेन और फ्रांस मिलकर भारत का साथ देंगे और अंत में विजयी होंगे। भारत भी विजेता बनेगा और बाद में महाशक्ति के तौर पर स्थापित होगा लेकिन सभी मित्र राष्ट्रों को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
    • चीन पाकिस्तानी मानस को समझते हुए यह भी मानता है कि इस क्षेत्र में एकमात्र महाशक्ति बने रहने के लिए उसे भारत को हराना ही होगा क्योंकि रूस के टूटने के बाद भारत से ही उसे खतरा है। दूसरा वह यह भी मानता है कि अगर वो पाकिस्तान या बांग्लादेश के मार्फत भारत के खिलाफ बड़ा युद्ध छेड़ता है तो भारत के अंदर रह रहे 20 करोड़ मुसलमान भी उसका साथ देंगे और फिर नक्सली तो हैं ही। ऐसे में समझना मुश्किल नहीं है कि स्थिति विकट है और हम उस तरह से तैयार नहीं हैं। हम सिर्फ अपने घर में बैठकर अपने को सुरक्षित नहीं मान सकते। चीन का रक्षा बजट हमारे बजट से तीन गुणा ज्यादा है।
    • ऐसे में हमारी शक्तिशाली और साथ ही बदमाश चीन के खिलाफ क्या स्ट्रेटेजी होगी इसपर कोई सोच नहीं रहा।