Tuesday, September 8, 2009

दुख की घड़ी ने रच दिया इतिहास

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    •  अजमेर

    Fire
    • घड़ी दुख की थी लेकिन इतिहास रच गई। पिता की पगड़ी आखिरकार बेटी को बांध दी गई। इसके साथ ही समाज में इस नव परिवर्तन की नींव पर बहस की धार बह निकली।
    • यह नींव रखी भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी ओपी श्रीवास्तव के परिवार ने। श्रीवास्तव का पिछले माह निधन हो गया था। पुत्र नहीं होने के कारण उनकी पगड़ी राजस्थान प्रशासनिक सेवा की अधिकारी अतिरिक्त आयुर्वेद निदेशक विनीता के सिर सोमवार को बांधी गई। पिता की इच्छा के मुताबिक बेटी विनीता ने ही अंतिम संस्कार की रस्में निभाई। बाद में परिजन ने विनीता को ही पगड़ी बांधना तय किया। परिजन का तर्क था कि पगड़ी दायित्व का रूप है, यह उसी के सिर बांधी जाए जो दायित्व निभा सके।



      खड़ी हुई नई बहस