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- रेणु अगाल
बीबीसी संवाददाता, दिल्ली से
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पर ध्यान दीजिए, बिखरे हुए विपक्ष ने गन्ना किसानों के मामले में गज़ब का समन्वय दिखाया, अजित सिंह, मुलायम सिंह, भाजपा और वामपंथी दल एक स्वर में बोले.
मधु कोड़ा के कथित भ्रष्टाचार का मामला झारखंड चुनावों के बीच छाया है, साथ ही स्पेक्ट्रम घोटाला भी केंद्र का सिरदर्द बना है.
तो क्या इस सबसे ध्यान हटाने के लिए लिब्रहान का जिन्न एक बार फिर आया है जैसे कई चुनावों के पहले भी रह रह कर आया करता था.
ये रिपोर्ट जून में जस्टिस लिब्रहान ने सरकार को सौंपी थी. फिर सरकार ने ये रिपोर्ट पिछले सत्र में क्यों पेश नहीं की, इस सत्र के शुरु होते ही इसे क्यों नहीं पेश किया गया. अब क्या सही समय था... मन में बेशक ये सवाल उठता है.
- वहीं कल्याण सिंह के तजुर्बे के उतने सफल न होने के बाद फिर मुसलमानों का साथ मांगते मुलायम सिंह को भी आशा है कि वो बाबरी के सहारे ही सही उत्तरप्रदेश की राजनीति में वापसी की आस बना लें.
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Monday, November 23, 2009
लिब्रहान लीक से फायदा किसका? - Oneindia Hindi
लिब्रहान लीक से फायदा किसका? - Oneindia Hindi
2009-11-23T22:28:00+05:30
Common Hindu