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भगवान दास की शिक्षा आंदोलन में रही महत्वपूर्ण भूमिका :: सहारा समय
- पुण्यतिथि 18 सितंबर पर विशेष
स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेने वाले डा.भगवान दास भारतीय संस्कृति और संस्कृत के प्रकांड विद्वान होने के साथ-साथ दार्शनिक एवं चिंतक भी थे जिन्होंने विभिन्न गंभीर विषयों पर 30 से ज्यादा पुस्तकें लिखीं और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को मौजूदा स्वरूप देने में अहम भूमिका निभायी।
- देश की प्रगति के लिए हमेशा प्रयासरत भगवान दास बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे जिनके योगदान को देखते हुए 1955 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। भगवान दास का 18 सितंबर 1958 को निधन हो गया। भारतीय डाकतार विभाग ने उनकी जन्मशती पर एक डाक टिकट जारी किया था।
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Saturday, September 19, 2009
भगवान दास की शिक्षा आंदोलन में रही महत्वपूर्ण भूमिका :: सहारा समय
भगवान दास की शिक्षा आंदोलन में रही महत्वपूर्ण भूमिका :: सहारा समय
2009-09-19T20:53:00+05:30
Common Hindu