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- उधर तत्काल ऑस्ट्रेलिया से ताबड़तोड़ गालीगलौज में माहिर शाहिद अफ़रीदी का “थूक कर चाटने वाला बयान” भी आ गया कि “जो भी हुआ उसे वे भुला चुके हैं और IPL की बोली के अगले दौर के लिये वे उपलब्ध रहेंगे”, http://cricket.rediff.com/report/2010/jan/26/shahid-afridi-decides-to-forgive-and-forget-open-to-ipl-in-future.htm यानी कहाँ तो लड़ने की बातें कर रहे थे, और अपना आत्मसम्मान भुलाकर फ़िर से IPL के पैसों पर लार टपकाने लगे। अब बेचारे जहीर अब्बास के बयान का क्या होगा, पाकिस्तानी कबड्डी टीम के बयानों का क्या होगा, पाकिस्तानी हॉकी संघ के टीम न भेजने के फ़ैसले का क्या होगा… और एक “सज्जन” ने पाकिस्तानी कोर्ट में जो याचिका (http://cricket.rediff.com/report/2010/jan/25/pak-court-issues-notice-to-indian-govt-over-ipl-snub.htm) लगाई है उस पर अब कोर्ट को शाहिद अफ़रीदी और शाहरुख खान को नोटिस जारी करके पूछना चाहिये कि “भाई लोगों, जब अपनी बात से पलटना ही था, पैसों के लिये स्वाभिमान गिरवी रखना ही था, दोनों देशों की नकली दोस्ती के राग-तराने गाना ही था… तब पहले क्यों दहाड़ रहे थे?”… लेकिन पाकिस्तानी हैं ही ऐसे… आज़ादी के समय से ही भारत के पैसों पर पलने वाले…
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