Friday, February 5, 2010

महात्मा गांधी को रंगीला, हिंदुओं को बताया दरिंदा

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    • कुल्लू
    • रमेश ठाकुर
    • कुल्लवी ग्रामोद्योग में बेची जा रही हिंदू देवताओं और देशभक्ति से जुड़ी साहित्यिक पुस्तकों में राष्ट्र विरोधी सामग्री होने के कारण ग्रामोद्योग प्रबंधन पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। ग्रामोद्योग में ऐसी करीब 600 पुस्तकें रखी गई हैं।

      इनमें से एक 'रंगीला गांधीÓ नामक पुस्तक में बापू को गरीबों का शोषण करने वाला बताया गया है। वहीं रामचरितमानस को नारी शोषण आधारित बताया है। इनमें हिंदुओं द्वारा गौ मांस भक्षण, धर्म के नाम पर दरिंदगी, धर्म निरपेक्षता बनाम सांप्रदायिकता, अस्पृश्य समाज, मुसलमानों पर आरोप निराधार, क्रीड़ा में लिप्त इंदिरा गांधी आदि पुस्तकों में सीधे तौर पर भारतीय समाज को निशाना बनाया गया है। किताबों में हिंदू देवताओं और भारतीय नेताओं के खिलाफ भी जहर उगला गया है। ब्राह्मणों के बारे में कहा गया है कि हिंदू पहले मांस का भक्षण करता था, लेकिन बौद्ध धर्म का मुकाबला करने के लिए उसने मांस खाना बंद कर दिया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को इसमें 'रंगीलाÓ करार दिया गया है। मुसलमानों पर आरोप निराधार नाम की पुस्तक में मुसलमानों को हिंदुओं से बेहतर बताया है। हिंदू धर्म को कमजोर मानसिकता में जकड़ा हुआ बताया है। रामायण को भी 'कोरी बकवासÓ करार दिया है। राम, लक्ष्मण और सीता के बारे में भी अनर्गल बातें लिखी गई हैं। हैरानी की बात तो यह है कि एक हफ्ते से यह भ्रामक सामग्री यहां बेची जा रही है। पुस्तकों के प्रकाशन फरीदाबाद, श्रीनगर, दिल्ली, मुंबई और चंडीगढ़ के हैं। ज्यादातर किताबें जालंधर के एसआर बाली प्रकाशक की हैं। किताबों में ईसाई धर्म की भी बड़ाई की गई है। ग्रामोद्योग का यह स्टॉल राम लाल कुल्लवी के नाम से है। कुल्लवी ने स्टॉल हंसन जैकेट हाउस को बेचा था। हंसन सोलन का रहने वाला बताया जा रहा है।

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