Friday, February 5, 2010

रसोई व दाह संस्कार की लकड़ी को जप्त न करें

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    • Rajasthan-Bikaner Zila-Nokha
    • क्षेत्रिय विधायक कन्हैयालाल झंवर ने गुरुवार को वन मंत्री को पत्र भेजकर दाह संस्कार व रसोई हेतु ऊंट गाड़े एवं बैल गाड़े में ले जा रही लकडिय़ों को जब्त नहीं करने की मांग की है। झंवर ने पत्र में बताया कि तीन फरवरी की शाम को मेरे विधानसभा क्षेत्र के ग्राम रोड़ा के सी.सी.एफ. बीकानेर ने दाह संस्कार हेतु ले जाई जा रही लकडिय़ों से भरे ऊंट गाड़े को जप्त कर लिया। मैंने सी.सी.एफ. बीकानेर को दूरभाष पर उक्त ऊंट गाड़े को छोडऩे का निवेदन किया तो उन्होंने मुझे नियम समझाते हुए बबूल की लकडिय़ों के लिए ही छूट बताई।

      हिन्दू समाज के रीति-रिवाजों व धर्मशास्त्रों के अनुसार बबूल की लकडिय़ों से दाह संस्कार करना निषेध माना गया है। झंवर ने बताया कि इस तरह से दाह संस्कार के लिए लाई जा रही लकडिय़ों वन विभाग द्वारा जप्त किया जाता है तो हिन्दुओं की धार्मिक भावना पर कुठाराघात होता है। झंवर ने बताया कि बबूल की लकडिय़ों से घर में खाना भी नहीं बनाया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्र की गरीब जनता को रसोई गैस न तो उपलब्ध है और न ही उसके द्वारा इसका खर्च वहन किया जा सकता। इसलिए ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का खाना बनाने का आधा लकड़ी ही ही है।

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