सोनिया ने ही छाँटा वरुण और मेनका को!
आज ये दोनों गाँधी परिवार में शामिल ही नहीं...!!!!!वरुण में राहुल के मुकाबले कहीं ज्यादा फायर है और राहुल राजनीति में जो स्थान पाँच वर्षों में नहीं बना पाए वो वरुण ने पाँच महीनों में ही बना लिया है। अब वे उप्र के मुख्यमंत्री की दौड़ में हैं
...इसका कारण है कि भारतीय राजनीति में शुरुआती स्थान तो फायर ब्राण्ड अपनाकर ही बनाया जा सकता है।
नरेन्द्र मोदी का उदाहरण आपके-हमारे सामने है।
औऱ यह तय है कि अगले लोकसभा चुनाव यानी 2014 में वे ही भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे।