सोनिया ने जो चाहा वो किया है!
खैर, इटली से मुझे याद आया कि सोनिया की भारत में कोई संपत्ति नहीं है। उन्होंने चुनाव लड़ते समय अपनी संपत्ति की घोषणा की जो महज 18 लाख रुपए थी। कमाल है। जिस कांग्रेस पार्टी की सोनिया अध्यक्ष हैं उस पार्टी ने इस बार के लोकसभा चुनाव लड़ने में 1000 करोड़ रुपए का खर्चा किया है। लेकिन सोनिया के पास ना कार है और ना मकान। क्योंकि उन्होंने अपना मकान भी इटली में ही दिखाया है।
दूसरे, उनके सुपुत्र राहुल गाँधी ने भी अपनी संपत्ति एक करोड़ 80 लाख रुपए बताई जबकि राहुल ने दिल्ली में अपने जिस प्लाट की कीमत १० लाख रुपए बताई है वो दरअसल 35 करोड़ रुपए का है। अरे, आप ही बताइए भला, दिल्ली में १० लाख रुपए में कुछ आता है क्या...???? इतने रुपए से तो वहाँ गुसलखाना भी ना बन सके। इन नेताओं की घोषित संपत्ति की भी जाँच होनी चाहिए।
खैर, अब मुद्दे की बात..... ये बात कुछ पुरानी है। तब इस देश के राष्ट्रपति श्री आर.वेंकटरमण थे। भले आदमी थे। दक्षिण के ब्राह्मण थे। तो उनका राष्ट्रपति के तौर पर एक टर्म पूरा हो चुका था।और राजेनद्र प्रसाद तथा राधाकृष्णन जी के बाद वो तीसरे राष्ट्रपति बनने जा रहे थे जिनके दूसरे टर्म को लेकर गंभीरता से विचार किया जा रहा था।
तो वेंकटरमण ने राष्ट्रपति भवन के आखिरी दिनों के दौरान राजीव जी को सोनिया के साथ अपने आवास पर आमंत्रित किया। वहाँ कोई पूजा-अनुष्ठान था। राजीव जी गए, उनके साथ सोनिया भी थी। तब वेंकटरमण उन्हें वही तमिल लुंगी और माथे पर त्रिपुंड लगाए मिले। नाक के दोनों ओर चंदन लगा हुआ था। पूरी दक्षिण भारत वेशभूषा थी। राष्ट्रपति जी की पत्नी भी उनके साथ थीं। उसी प्रकार की वेशभूषा में। बस, फिर क्या था। सोनिया ने यह सब देखा और चिढ़ गईं।
लौटते समय घर जाते-जाते सोनिया ने राजीव जी का मूड बदल दिया और फरमान जारी कर दिया कि ये आदमी दूसरी बार तो राष्ट्रपति नहीं बनेगा। अब बेचारा पति क्या करता, पत्नी की तो सुनना ही है। वेंकटरमण की छुट्टी हो गई। राजीव जी चाहते हुए भी कुछ नहीं कर पाए।
.....इसी ज्योतिषी ने सोनिया को यह भी बताया था कि वे खुद कभी प्रधानमंत्री नहीं बनें, नहीं तो उनके बच्चे अनाथ हो सकते हैं। यानी सोनिया को प्रधानमंत्री पद ग्रहण करने के बाद जान का जबरदस्त खतरा हो सकता है।.....