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इतना तो हर कोई कर सकता है!! | सारथी
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अनुसंधानों द्वारा यह बात बारबार स्पष्ट हुई है कि अखबारों एवं पत्रिकाओं में “संपादक के नाम पत्र” सबसे अधिक पढे जाने वाला एक विभाग है. इतना ही नहीं लगभग हर व्यक्ति का हर तरह का पत्र बिना सेंसरिंग के छाप दिया जाता है.
यदि किसी भ्रष्ट व्यक्ति की कारगुजारी, उसका निकम्मापन, किसी दफ्तर में जिस तरह से मनमाना व्यवहार लोगों से किया जाता है, इस विषय पर महज एक पत्र छप जाये तो उसका असर ऐसा होता है जैसे आप ने शाब्दिक मूठ चला दिया हो.
- अब तो जानकारी के अधिकार (राईट टु इन्फर्मेशन) के जादूई डंडे और पत्र-लेखन के टोटके को जोड दिया जाये तो एक से एक भूत भागते नजर आयेंगे. समस्या सिर्फ पहल करने की है.
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Saturday, July 11, 2009
इतना तो हर कोई कर सकता है!! | सारथी
इतना तो हर कोई कर सकता है!! | सारथी
2009-07-11T13:32:00+05:30
Common Hindu