Wednesday, July 29, 2009

visfot.com । विस्फोट.कॉम - शर्म अल शेख का असली संदेश

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    • संजीव पाण्डेय
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    • संजीव पाण्डेय का विश्लेषण-

      कांग्रेस से अलग प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह स्वतंत्र वजूद बनाने की कोशिश में है। वे सोनिया गांधी के रबर स्टैंप है, इस मिथक को खत्म करने की कोशिश में लग गए है। कम से कम कांग्रेस और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बीच उठ रहे विवाद को अलग चश्मे से देख रहे लोगों को यह जरूर समझना चाहिए। शर्म अल शेख में भारतीय और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का ज्वाइंट स्टेटमेंट इसी दिशा में चल रहे कवायद की एक कड़ी है।

    • निश्चित तौर पर प्रधानमंत्री अमेरिकी दबाव में तो काम करना चाहते है, पर कांग्रेस के दबाव में वे काम नहीं करना चाहते है। अमेरिकी दबाव में ज्यादा वो सुरक्षित महसूस करेंगे। अगर अमेरिका का वरदहस्त उनके उपर है तो बचाव रहेगा और इसमें कांग्रेस भी उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी।
    • प्रधानमंत्री कहीं न कहीं यह बरदाश्त नहीं पा रहे है कि कई मसले पर उनसे ज्यादा सोनिया गांधी प्रणव मुखर्जी, एके एंटोनी और अहमद पटेल पर विश्वास करती है। समय-समय पर कई नीतिगत फैसले में उपरोक्त तीन नेताओं की सलाह प्रधानमंत्री को माननी पड़ती है। शर्म अल शेख की घटना के बाद ही उपरोक्त तीन नेताओं के साथ ही सोनिया गांधी ने बैठक की। बैठक के बाद सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री को मैसेज दिया जिसमें अपनी मर्जी से प्रधानमंत्री के फैसले पर नाराजगी व्यक्त की।

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