Wednesday, February 3, 2010

मप्र का ठाकरे, मुंबई का मालिक कैसे ?

  • tags: no_tag

    • खुद को मुंबई और महाराष्ट्र का हिटलर कहने वाले ठाकरे मूलतः मध्यप्रदेश के हैं। बाल ठाकरे का जन्म केशव सीताराम ठाकरे के घर में हुआ, जो मध्यप्रदेश के बालाघाट में प्रोबधांकर के नाम से जाने जाते थे। ठाकरे का परिवार मध्यमवर्गीय था। बाल ठाकरे के पिता केशव सामाजिक कार्यकर्ता और लेखक थे जो जातिवाद के खिलाफ थे। संयुक्त महाराष्ट्र छलवल आंदोलन में केशव ठाकरे ने प्रमुख भूमिका निभाई।

      जिस तरह नौकरी ढूंढने हजारों लोग मुंबई जाते हैं, ठाकरे परिवार भी दो पीढ़ियों पहले इसी तरह मुंबई आए थे। रोजी - रोटी की तलाश में ठाकरे परिवार मुंबई आया, प्रबोधंकर ( केशव ठाकरे ) बाल ठाकरे के पिता और उनके छोटे भाई श्रीकांत ठाकरे यानी राज ठाकरे के पिता की पढ़ाई मध्यप्रदेश में हुई है। मध्यप्रदेश ही नहीं देश के बाकी राज्यों में भी ठाकरे परिवार रोजी रोटी ढूंढने भटका है। राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के मुखप्तर में बकायदा आधिकारिक तौर पर ये सारी जानकारियां छापी गई थी।
bal
    • मराठों के अधिकृत इतिहास पर ग्रांट डफ ने किताब लिखी है हिस्ट्री ऑफ मराठा। इसमें उन्होंने मराठों की उत्तपत्ति महारठ से बताई है, मूल रूप से इनका क्षेत्र डक्कन बताया गया है। मराठी सर्वप्रथम शिवाजी के समय प्रभावी हुए थे। शिवाजी ने ही पहली बार मराठों को संगठित करके एक हिंदू मराठा राज्य की कल्पना को साकार किया था। रायगढ़ में राज्याभिषेक के बाद शिवाजी के नेतृत्व में पहली बार मराठा राज्य भारत में प्रभावी होकर उभरा था। शिवाजी और पेशवाओं के समय मराठों ने देश के बहुत बड़े हिस्से से चौथ और सरदेशमुखी वसूल किया था।

      महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, मुगल साम्राज्य , निजाम और रोहेलखंड तक मराठों के हमले होते थे और लगभग आधे से ज्यादा भारत 18 वीं शातब्दी के अंत तक मराठा प्रभाव का क्षेत्र बन गया। अंग्रेज इतिहासकारों ने तो माना भी था, कि भारत का साम्राज्य उन्होंने मुगलों से नहीं बल्कि मराठों से जीता है।
    • महाराष्ट्र - मध्यप्रदेश - गुजरात - हैदराबाद - कर्नाटक आदि में मराठी फैल गए थे। छोटे क्षेत्रों में इनके पास चौथ और सरदेशमुखी वसूल करने के अधिकार थे। छोटे रैवेन्यू ऑफिसर पाटिल, पटेल, देशमुख, सरदेशमुख, कुलकर्णी आदि कहलाते थे। इन्हीं के वंशज विभिन्न क्षेत्रों में फैल कर वहां के स्थाई निवासी बन गए। जिस क्षेत्र में वह रहते थे वहां के लोगों को सुरक्षा देने के बदले वह टैक्स सरदेशमुखी और चौथ के रूप में लेते थे। साथ ही सेना की मदद करते थे और उसके बदले जब्त सामान का बंटवारा लेते थे। छापामार और लूटपाट के जरिए ये मराठा चतुर तरीके से वार करते थे।

Posted from Diigo. The rest of my favorite links are here.

Comments

Loading... Logging you in...
  • Logged in as
There are no comments posted yet. Be the first one!

Post a new comment

Comments by