Sunday, June 6, 2010

Jagran - बंटवारे में बिछड़े बेटे को सरहद भी नहीं कर सकी

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    • पठानकोट [श्याम लाल]
    • वर्ष 1947 में देश विभाजन के समय अपनी मां से बिछड़ गया बेटा 44 साल बाद मिला तो मां तो हिन्दू रही, पर बेटा मुस्लिम बन चुका था। हिन्दू मां राम कौर और मुस्लिम पुत्र दिलावर खान को दोनों मुल्कों की सीमाएं भी जुदा नहीं कर सकी। अब बेटा दिलावर अपने फर्ज निभाने के लिए बार-बार हिन्दुस्तान आकर अपनी मां से मिलता है।

      दिलावर अपने सौतेले भाई-बहनों के सुख-दुख में शरीक होता है और मां की सेहत का भी ख्याल रखते हुए कभी उसकी आंखों का चेकअप करवाता है तो कभी सुनने की शक्ति खो चुकी मां के कानों के लिए सुनने वाली मशीन भेंट करता है। दिलावर पठानकोट के मोहल्ला माडल टाउन स्थित जर्जर हो चुके अपनी मां के घर को भी पक्का करवा चुका है। वह उसे अपने साथ पाकिस्तान और इंग्लैंड भी घुमा चुका है। मां ऐसे बेटे को पाकर संतुष्ट है तो पुत्र मां के प्यार से गदगद है।

    • दिलावर ने बताया कि बंटवारे के समय वह करीब तीन साल का था। जब पाकिस्तान बना तो पिता ने पाकिस्तान में ही रहने की इच्छा जाहिर की, जबकि मां अपने मायके परिवार सहित भारत आ गई। उसके हिस्से पिता छाब अली का प्यार आया। दिलावर के पिता पाकिस्तान की सेना में भर्ती हो गए और उसका बचपन बिना मां-बाप के साये के बीता।

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