Sunday, June 6, 2010

visfot.com । विस्फोट.कॉम - मधुमक्खी को मानव का डंक

  • tags: no_tag

    • भूपेश चट्ठा, पटियाला
    image
    • जाने माने वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंसटाइन की दशकों पहले की गई भविष्यवाणी कि आखिरी मधुमक्खी के मरने के बाद समूची मानवता के पास सात-आठ साल से अधिक नहीं बचेंगे, पंजाब की काटन बेल्ट में कुछ लोगों को याद आनी शुरू हो गई है। इस बार अनुभव किया गया है कि मधुमक्खियां बीटी काटन के खेतों के पास भी नहीं फटक रहीं।
    • बीटी काटन के बीज प्रयोगशाला में बनाए जेनेटिकली मॉडीफाइड (जीएम) सीड्स की श्रेणी में आते हैं। पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में एसएमओ व कम्युनिटी मेडिसन में एमडी डा. अमर सिंह आजाद बताते हैं कि बीटी काटन से मधुमक्खियों का नर्वस सिस्टम प्रभावित होने से इनकी छत्ते पर लौटने की सेंस खत्म होती जा रही है, इसे तकनीकी भाषा में कालोनी क्लैप्सकहते हैं। कोई भी मधुमक्खी कालोनी के बिना नहीं रह सकती। वापस न पहुंचने की सूरत में वे मर जाती हैं।

Posted from Diigo. The rest of my favorite links are here.