Friday, July 24, 2009

Jagran - Yahoo! India - नई आशाओं की जीत

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    • जानकार लोगों का कहना है कि सैकड़ों वर्ष पहले भारत, खासकर गुजरात से हजारों भारतीय इंडोनेशिया व्यापार के सिलसिले में गए थे और बाद में वहीं बस गए। जो लोग भारत से इंडोनेशिया गए थे वे मुख्यत: बौद्ध और हिंदू थे। बाद में जब दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में इस्लाम ने जोर पकड़ा तो ये सभी मुसलमान हो गए, परंतु इंडोनेशिया के मुसलमान आज भी अत्यंत ही उदारवादी है। आज भी वहां के बाली द्वीप में हिंदू मंदिर है। वहां हिंदू देवी-देवताओं की पूजा होती है और पूरे इंडोनेशिया में लोगों के नाम भारतीय लोगों के नाम पर रखे जाते है।
    • इसमें कोई संदेह नहीं कि युधोयोनो के दोबारा राष्ट्रपति निर्वाचित होने से इंडोनेशिया की राजनीति में आमूल-चूल परिवर्तन आएगा। इंडोनेशिया की देखादेखी एशिया के दूसरे देशों के राजनेता भी यह महसूस करेगे कि राजनीति में अंत में जीत उसी व्यक्ति की होती है जिसकी छवि स्वच्छ हो और जिसने जन कल्याण के लिए भरपूर प्रयास किया हो। भारत के लिए सबसे अधिक संतोष का विषय यह है कि युधोयोनो ने अपने देश में अल-कायदा और तालिबानों को पनपने नहीं दिया। उन्होंने खुलकर कहा कि इंडोनेशिया में कट्टरपंथियों के लिए कोई स्थान नहीं है।

      [डा. गौरीशंकर राजहंस: लेखक पूर्व सांसद एवं पूर्व राजदूत है]