Friday, July 24, 2009

इस बार बस स्नान करने तक ही सिमटा मेला

  • tags: no_tag

    • कुरुक्षेत्र
    • सूर्यग्रहण मेला बेशक 22 को बिछुड गया, लेकिन गुरुवार को भी हजारों श्रद्धालु धर्मनगरी में जुटे रहे, लेकिन प्रशासन की तरफ से सिर्फ सूर्यग्रहण के दिन तक के लिए ही इंतजामात किए गए थे। शहर में इतने श्रद्धालुओं के बावजूद कोई सुरक्षा प्रबंध नहीं दिखे।
    • कई आटो चालकों ने श्रद्धालुओं से धर्मनगरी भ्रमण के लिए 300 से लेकर 500 रुपए तक मनमाना किराया वसूला। उधर बुधवार दोपहर को ही पुलिस सुरक्षा हटने से अफरा-तफरी का आलम रहा।
    • लोगों का कहना था कि वीआईपी आगमन को लेकर घंटों पहले खड़ी होने वाला पुलिस प्रशासन इतनी भीड़ को लेकर गंभीर नहीं दिखा।

    • सूर्यग्रहण मेला कभी दस दिन पहले ही शुरू जाता था और बाद में भी कई दिन तक मेला लगा रहता, लेकिन इस बार मेला सिर्फ स्नान तक सिमट गया। मेले में झूले और सर्कस गायब रहे
    • जानकारों का कहना था कि प्रशासन सुरक्षा कारणों के चलते यह नहीं चाहता था कि ज्यादा दिन मेला चले। पिछले सूर्यग्रहण पर भी मेला दो दिन का था तो इस बार भी 21 व 22 जुलाई तक मेला रखा गया। प्रशासनिक अधिकारियों ने यही तर्क दिया कि सूर्यग्रहण पर सिर्फ स्नान का महत्व है, लिहाजा लाखों लोगों के लिए स्नान की बेहतर व्यवस्था की गई।
    • केयू से सेवानिवृत प्रोफेसर एवं पर्यावरणविद् डा. रोहताश गुप्त का कहना है कि सूर्यग्रहण मेला कई संस्कृतियों का मिलन होता था। चाहे वह श्रद्धालु हो या कलाप्रेमी अथवा धर्मप्रेमी, विचारक, बुद्धिजीवी हर कोई कई दिन पहले ही यहां जुट जाते थे। इस तरह आपसी सौहार्द भी बढ़ता था, लेकिन अब इस मेले का स्वरुप ही बदल दिया गया है।
    • इस बार मध्य प्रदेश, बिहार और गुजरात से ढेड़ से दो लाख तीर्थ यात्री आए। जो अपने आप में एक रिकार्ड कहा जा सकता है।