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- बीजेपी को चुनाव जिताने का ठेका लेकर गड़करी भी नहीं आए। उनने साफ कहा- ‘पार्टी को आम चुनाव के लिए नहीं। अगली सदी के लिए तैयार करना चाहता हूं। सत्ता प्राथमिकता नहीं। प्राथमिकता है गरीब और विकास। बेरोजगारों को रोजगार। जहां सत्ता है, वहां गुड गवर्नेंस हो।’ गड़करी ने ऐसे बात की। जैसे वह राजनीतिक दल के अध्यक्ष नहीं। किसी एनजीओ के अध्यक्ष बने हों। उनने यह मानने में परहेज भी नहीं किया- ‘मैं एनजीओ की तरह काम करता हूं।’ पहला काम आज वाजपेयी के जन्मदिन पर रक्तदान का करेंगे। अपन को सोनिया गांधी का वह वक्त याद आया। जब वह अध्यक्ष बनी थी। तो एनजीओ की तरह पार्टी चला रही थी। रक्तदान शिविर भी खूब लगवाए थे सोनिया ने। आम आदमी की बात करके पार्टी को सत्ता के शिखर पर ले गई।
- उनने कहा- ‘देश सबका, सब देश के।’ सकारात्मक राजनीति के सबूत भी दिए उनने। बोले- विरोध के लिए विरोध की राजनीति नहीं करेगी बीजेपी। सरकार आतंकवाद-नक्सलवाद और गरीबी से लड़ेगी।
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