Wednesday, March 3, 2010

अयोध्या मुद्दा फिर चली रणनीति! :: सहारा समय

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    • (Ramesh Chandra)
    • अयोध्या।
    • क्या अयोध्या मुद्दा फिर से गरमाने की कोशिश की जा रही है। अगर विश्व हिंदू परिषद ने राम मंदिर निर्माण के लिये तराशे गये पत्थरों को विवादित धर्मस्थल तक ले जाने की कोशिश की तो ऐसा हो सकता है।
      श्रीराम जन्मभूमि न्यास की देखरेख में विश्व हिन्दू परिषद ने अयोध्या में ही पत्थरों को तराशने वाली वर्कशॉप सितम्बर 1990 में स्थापित की थी। लगभग 65 प्रतिशत पत्थर तराशे जा चुके हैं। विहिप के मॉडल के अनुसार मंदिर दो तल का होगा जिसमें 212 खंभे, नृत्य मंडप, रंग मंडप, गर्भगृह और प्लिंथ के पत्थर तराशे जा चुके हैं। गुंबद के साथ ही कुछ अन्य पत्थर तराशे जाने बाकी है। मार्च 2007 में पत्थर तराशने का काम रोक दिया गया। अब इन पत्थरों को विहिप विवादित धर्मस्थल के पास ले जाने की जुगत में है। इसके लिये अयोध्या का माहौल एक बार फिर 1992 की तरह बनाने की तैयारी की जा रही है। विहिप मार्गदर्शक मंडल और श्रीराम जन्म भूमि न्यास मंच के सदस्य डा. राम विलास दास वेदान्ती ने कहा कि हरिद्वार में चल रहे कुंभ में आगामी चार अप्रैल से होने वाली तीन दिवसीय बैठक में महत्वपूर्ण रणनीतिक निर्णय लिये जायेंगे।
    • श्री वेदान्ती ने कहा कि आने वाले दो वर्ष अयोध्या मुद्दे के लिये काफी महत्वपूर्ण होंगे क्योंकि संतों ने मंदिर निर्माण के लिये निर्णायक लड़ाई लड़ने की ठान ली है। उन्होंने कहा कि संत सम्मेलनों में मंदिर निर्माण तो मूल विषय होगा ही इसके साथ अल्पसंख्यकों की तुष्टिकरण के लिये मची होड़ को भी सार्वजनिक किया जायेगा।
    • डा. वेदान्ती ने कहा कि केन्द्र सरकार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के लोगों को जम्मू कश्मीर में बसाने की साजिश कर रही है, जबकि कश्मीरी पंडित अपने ही देश में दर-दर भटकने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि ये सभी मामले संत सम्मेलनों में उठेंगे जिसका जवाब केन्द्र सरकार को देना ही होगा।

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