Monday, August 31, 2009

Muslims protest with butchered Cow head against Hindu temple - Malaysia Atrocities | hindujagruti.org

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    Muslims making their way to the Selangor secretariat building after their prayers
    • Muslims making their way to the Selangor secretariat building after their prayers
    • A group of Malay-Muslim protesters claiming to be residents of Section 23 have threatened bloodshed unless the state government stopped the construction of a Hindu Temple.

      Amid chants of "Allahuakbar," the group also left the severed head of a cow at the entrance of the State Secretariat here as a warning to Selangor Mentri Besar Tan Sri Khalid Ibrahim.
    • Shah Alam (Malaysia):
    A symbol of objection?... The cow's head being paraded by Musims in their march
    • A symbol of objection?... The cow's head being paraded by Musims in their march

Islamists on conversion campaign: Over 4000 girls converted - Conversions | hindujagruti.org

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    • Kochi (Kerela):
    • Islamists in Kerala (state in India with large size of Muslims) have launched an organised campaign for converting girls belonging to other religions into Islam. Police believe that Islamist organisation NDF (presently Popular Front of India) and its student outfit Campus Front could be behind this campus-based campaign. An investigation is presently on into the matter on the instructions of the Kerala High Court.
    • The police are now in the process of verifying the reports that some Hindu organisations are preparing to counter the Islamists’ designs. A report regarding this would be submitted in the High Court early next month.
    • However, sources in the police refused to confirm reports regarding an Islamic group specialising in luring young girls for converting into Islam. Reports had appeared in a section of the media in January last that religious Romeos had converted more than 4,000 girls through such designs.

Church move to spread roots outside Kerala - Conversions | hindujagruti.org

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    • Kochi (Kerala):
    • In a strategic move to spread its roots into new regions in the country, the Syro-Malabar Church, comprising various Catholic communities, will ask its faithful to search for the possibility of migrating to other States for agricultural activities.
    • The policy paper has suggested several other moves to augment the community’s influence in the changing socio-politico-economic scenario. The strategies include increased participation of the faithful in political activities, sticking to the pro-life theory intended at increasing community population, participation of more and more NRI believers in priestly and convent vocations, etc.

Jharkhand BJP opposes using Church for grain distribution - General | hindujagruti.org

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    • Ranchi (Jharkhand):
    • The Jharkhand government's plans to seek help of the Catholic Church for distributing food grains in the drought-hit state have drawn flak from the Bharatiya Janata Party (BJP). Jharkhand Governor K. Shankarnarayan's advisor T.P. Sinha, who is also in charge of the food and supply department, Sunday met Cardinal Telephore P. Toppo, Archbishop of Ranchi, and sought the help of the Church in grain distribution.
    • "Why is the state government not using its own machinery for foodgrain distribution? Jharkhand has a public distribution system that could be used," asked Munda. "The governor is trying to create an environment in favour of the Congress. Why didn't he convene an all-party meeting over the drought situation?"

Police fear an explosion of Muslim sentiments - General | hindujagruti.org

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    • The Police issue notice to a Ganesh Mandal that displayed a scene on Mohammad Afzal Guru & Kasab
    • This year Ghantali Lalbag Ganesh Mandal is showcasing a scene during the Ganesh festival, that asks ‘When will terrorist Mohammad Afzal Guru be hanged & when will 26/11 terrorist Ajmal Kasab be punished?’. The Police issued a notice under IPC 149 to this Mandal, due to the fear of explosion of Muslims’ sentiments.
    • Thane (Maharashtra):
    • What is the wrong in the scene showcased by Ghantali Lalbag Ganesh Mandal?

      The scene created by this Mandal shows that the hearing of terrorist Kasab is going on in a Special Court in Mumbai. The conversation between the advocates of both sides was presented on an Audio CD. It was also shown that the Government Advocate was demanding the execution of terrorist Kasab.

      In the other setup near this scene, a picture of the Parliament attack was shown and it is shown that the execution of terrorist Mohammad Afzal Guru is still pending due to minority appeasement by politicians so as to get votes in the elections.

Ban on ‘Anti-Pakistan’ slogans in the Ganesh Festival - General | hindujagruti.org

महाजाल पर सुरेश चिपलूनकर (Suresh Chiplunkar): अमेरिका में शाहरुख खान को रोकने के दो और मजबूत कारण… Shahrukh Khan Detention At US-Airport

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    • शाहरुख खान का 15 अगस्त का दौरा ऐसे ही एक कार्यक्रम हेतु था (वे वहाँ भारत के किसी स्वाधीनता दिवस कार्यक्रम में भाग लेने नहीं गये थे, बल्कि पैसा कमाने गये थे)। 15 अगस्त को शिकागो और ह्यूस्टन में अमेरिका स्थित भारतीयों और पाकिस्तानियों के एक ग्रुप ने "साउथ एशिया कार्निवाल" का आयोजन रखा था, उसमें शाहरुख बतौर "मेहमान"(?) बुलाये गये थे। इस कार्निवाल का टिकट 25 डालर प्रति व्यक्ति था, मेले में बॉलीवुड के कई कलाकारों के नृत्य-गीत का कार्यक्रम, एक फ़ैशन शो और एक वैवाहिक आईटमों की प्रदर्शनी शामिल था (तात्पर्य यह कि "स्वतन्त्रता दिवस" जैसा कोई कार्यक्रम नहीं था, जिसका दावा शाहरुख अपनी देशभक्ति दर्शाने के लिये कर रहे थे)
    • एक सम्भावना यह है कि शाहरुख ने पहले तो जाँच के नाम पर अपनी परम्परागत भारतीय "फ़ूं-फ़ाँ" दिखाई होगी, जिससे अमेरिकी पुलिसवाला और भी शक खा गया होगा अथवा भड़क गया होगा, ऊपर से तुर्रा यह था कि शाहरुख का सामान भी उनके साथ नहीं पहुँचा था (बाद में अगली फ़्लाइट से आने वाला था), ऐसे मामलों में अमेरिकी अधिकारी और अधिक सख्त तथा शंकालु हो जाते हैं।
    • सही बात तो शाहरुख और वह जाँच करने वाला अमेरिकी अधिकारी ही बता सकता है, लेकिन जैसा कि अमेरिका की सुरक्षा जाँच सम्बन्धी मानक बन गये हैं, पाकिस्तान और अफ़गानिस्तान का नाम सुनते ही अमेरिकी अधिकारियों के कान खड़े हो जाते हैं। ऐसे में क्या जरूरत है अपनी अच्छी खासी भारतीय पहचान छिपाकर खामखा "दक्षिण एशियाई" की पहचान बताने की? आप भले ही कितने ही शरीफ़ हों, लेकिन यदि आप वेश्याओं के मोहल्ले में रहते हैं तो सामान्यतः शक के घेरे में आ ही जाते हैं। खुद ही सोचिये, कहाँ भारत, भारत की इमेज, भारतीयों की अमेरिका में इमेज आदि, और कहाँ पाकिस्तान-अफ़गानिस्तान के साथ खुद को जोड़कर देखना? है कोई तालमेल? इन "असफ़ल और आतंकवादी देशों" के साथ खुद को खड़ा करने की क्या तुक है?
    • असल में जिस कार्निवाल की बात ऊपर बताई गई उसके आयोजकों का रिकॉर्ड अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक सन्देह के घेरे में है, भले ही वे आतंकवादी गुटों से सम्बद्ध न हों लेकिन अंडरवर्ल्ड से सम्बन्धित अवश्य हैं। इस नाच-गाने के शो का प्रमुख प्रमोटर था लन्दन निवासी फ़रहत हुसैन और शिकागो में रहने वाला उसका भाई अल्ताफ़ हुसैन, इन दोनों भाईयों की एक संस्था है लेक काउंटी साउथ एशियन एंटरटेनमेंट इन्क। इन दोनों भाईयों पर टैक्स चोरी और अंडरवर्ल्ड से सम्बन्धों के बारे में अमेरिकी अधिकारियों को शक है। जैसा कि शाहरुख खान ने बाद में प्रेस से कहा कि अमेरिकी सुरक्षा अधिकारियों के कुछ सवाल "अपमानजनक", "गैर-जिम्मेदाराना", "बेतुके" थे, असल में यह सवाल इन्हीं दोनों भाईयों के सम्बन्ध में थे। कुछ समय पहले भी ऐसी ही एक कम्पनी "एलीट एंटरटेनमेंट" के प्रमोटर विजय तनेजा नामक शख्स को अमेरिका में धोखाधड़ी और अमानत में खयानत का दोषी पाया गया और उसे बन्द करवा दिया था।

Sunday, August 30, 2009

Jagran - माओ विचारधारा पर बरसे योगी

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    • बहराइच/श्रावस्ती
    • दोनों जिलों में आयोजित हियुवा के जिला स्तरीय सम्मेलनों को संबोधित करने आए सांसद योगी आदित्य नाथ के निशाने पर माओवादी भी रहे और धर्मनिरपेक्षता वादी भारतीय भी। उन्होंने इस दौरान कड़े प्रहार करते हुए कहा कि धर्मनिरपेक्षता की आड़ में हिन्दू धर्मस्थल और विचारधारा के विरुद्ध रचा जा रहा षड्यंत्र कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।
    • उन्होंने कहा कि बहराइच और श्रावस्ती जनपद की पहचान किसी आक्रांता के नाम पर न होकर महाराजा सुहेलदेव और बालाकृष्णन तथा पूरी दुनिया में अपने विचारधारा को लेकर विख्यात हुए महात्मा बुद्ध के नाम पर होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अलीगढ़ के मुस्लिम विश्वविद्यालय में प्रवेश के दौरान अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग के छात्रों को आरक्षण दिलाए जाने का प्रयत्‍‌न किया जाना चाहिए।

Jagran - इतिहास का निरादर

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    • हिंदुओं की हत्याओं के बारे में चर्चा नहीं की गई, किंतु महात्मा गांधी और कांग्रेस के अन्य नेताओं में पंथनिरपेक्षता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के कूट-कूट कर भरे गए विचारों के कारण भारत में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए कठोर उपाय किए गए।

      ये ऐतिहासिक तथ्य हैं, जिन्हें भली प्रकार शब्दों में कैद किया जा चुका है।

    • भारत में 1947 में मुसलमानों की 3.5 करोड़ आबादी थी, जो अब बढ़कर 15 करोड़ पहुंच गई है। हम पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक संविधान से बंधे हैं, जो सभी नागरिकों के लिए समता और निष्पक्षता सुनिश्चित करता है। वास्तव में हम इतने पंथनिरपेक्ष हैं कि 2004 से अनेक महत्वपूर्ण पदों पर, जिनमें प्रधानमंत्री पद भी शामिल है, गैर-हिंदू तैनात हैं।
    • जसवंत सिंह के इस कथन से झटका लगता है कि जो मुसलमान भारत में रहे या यहां से निकल नहीं पाए वे खुद को अलग-थलग पाते हैं। ये शेष लोगों से संबंध में खुद को कहीं नहीं पाते। इस कारण वे मनोवैज्ञानिक असुरक्षा के भाव से घिर गए हैं।
    • यह बिल्कुल गलत सोच है। जसवंत सिंह और भी शरारत करते हैं। वह मुसलमानों के लिए आरक्षण की मांग को हवा देते हैं। उनका कहना है-''..1909 में आरक्षण और फिर विभाजन का सिद्धांत स्वीकारने के बाद अब हम इसे औरों को देने से कैसे इनकार कर सकते हैं, यहां तक कि उन मुसलमानों को भी, जो यहां रह गए या जिन्होंने यहां रहना उचित समझा। इसीलिए अब मुस्लिम विरोध की कुछ आवाजों में तीसरे विभाजन की बात उठ रही है..''। संक्षेप में, जसवंत सिंह की इस व्याख्या में भयानक खामियां हैं। वह जिन्ना से इतने अभिभूत हैं कि उन्होंने नेहरू को विभाजन के मुख्य वास्तुशिल्पी का दर्जा दे दिया है। वह तब फिर से नेहरू और पटेल की अवमानना करते हैं, जब यह कहते हैं कि तत्कालीन नेताओं के मंतव्यों से वह हैरान रह गए। उनकी जिन्ना के प्रति सहानुभूति और नेहरू, पटेल व अन्य कांग्रेस नेताओं के प्रति दुराग्रह हमारे पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक आदर्र्शो का निरादर है। वह पंथ आधारित घृणा फैलाने वालों से सहानुभूति जताते हैं। जसवंत सिंह की यह दलील खतरनाक है।
    • इतना ही हैरतअंगेज जसवंत सिंह का यह दावा है कि पाकिस्तान का रुख अब विनम्र और अनुग्राही हो गया है। वह भूल गए कि पाकिस्तान भारत को हजार जख्म देने की नीति पर अभी भी चल रहा है। मुंबई पर किया गया आतंकी हमला इसका ताजा उदाहरण है।
    • [ए. सूर्यप्रकाश: लेखक वरिष्ठ स्तंभकार हैं]

Deshbandhu : news,regional,chhattisgarh,raipur, रायपुर,छत्तीसगढ़, गजनी गणेश निर्माता मूर्तिकार गिरफ्तार

Cross Cultural traces of Vedic Civilization « Hindu focus

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    • by Sadaputa das (Dr Richard L. Thompson)

      1991 The Bhaktivedanta Book Trust.

    • According to the Vedic system, the lengths of the Satya, Treta, Dvapara, and Kali yugas are 4, 3, 2, and 1 times an interval of 432,000 years. Within these immense periods of time the human life span decreases from 100,000 years in the Satya-yuga to 10,000 years in the Treta-yuga, 1,000 years in the Dvapara-yuga, and finally 100 years in the Kali-yuga.  
    • Although the Bible is well known for advocating a very short time-span for human history, it is interesting to note that it contains information indicating that people at one time lived for about 1,000 years.

100 days of UPA’s second innings « Hindu focus

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    • You can’t miss the irony when a government completing its five years in office claims to set right in the next 100 days of its new tenure what it could not do in five years! Well, in this particular and peculiar case, the party in question has governed this country for nearly 54 out of its 62 years of Independence. Yet, the ever gullible voter gets taken in by a 100 days promise!
    • The late Sharad Joshi, the famous Hindi satirist, once said in the 1980s when Rajiv Gandhi was the prime minister, ‘Do not think that this country is being run by Rajiv Gandhi or by Indira Gandhi or Lal Bahadur Shastri or Nehru. It’s just running and will keep on running Ram Bharose (at God’s mercy).’ Sounds true. Isn’t it?

      Anupam Trivedi

पुण्य प्रसून बाजपेयी: रिंग में आडवाणी-भागवत आमने सामने

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    • 1948 में जब तब के सरसंघचालक गुरु गोलवरकर ने देश के गृहमंत्री सरदार पटेल को लिख कर दिया था कि आरएसएस सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन है, उस दौर में संघ ने चाहे सोच लिया होगा कि एक दिन ऐसा जरुर आयेगा जब देश को संघ के स्वयंसेवक ही चलाएंगे। लेकिन संघ ने कभी यह नहीं सोचा होगा कि वहीं स्वयसेवक सत्ता में आने के बाद संघ को ही हाशिये पर ढकेलने लगेगा। वहीं स्वयंसेवक संघ के दर्द पर और नमक छिड़केगा।
    • वाजपेयी के दौर में सत्ता में बैठे स्वयंसेवकों से सबसे बडा झटका आरएसएस को तब लगा जब उत्तर-पूर्वी राज्य में चार स्वसंवकों की हत्या हो गयी और देश के गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने नार्थ ब्लाक से सिर्फ पांच किलोमीटर दूर झडेवालान के संघ मुख्यालय जाकर मारे गये स्वयंसेवकों की तस्वीर पर फूल चढ़ा कर श्रद्धांजलि देना तक उचित नहीं समझा। बाकि कोई कार्रवाई की बात तो बेमानी है, चाहे उस वक्त सरसंघचालक सुदर्शन से लेकर भाजपा-संघ के बीच पुल का काम रहे मदनदास देवी ने गृहमंत्री आडवाणी से गुहार लगायी कि उन्हें जांच करानी चाहिये कि हत्या के पीछे कौन है।

The New Age Bard: WHY ME EVEN IF MY NAME IS KHAN!!!! KING KHAN ON HIS KHAOTIC ORDEAL AT NEWARK

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    • US CUSTOMS OFFICER – OK Mate, can I have your name please?

      SRK- I am known by many names – Baadshah, King Khan, SRK, Baazigar…

      US CUSTOMS OFFICER – Sir, do you have passports for all these names? Please come aside. We need to talk.

      SRK (a bit irritated)- I think you do not know who I am.

      US CUSTOMS OFFICER – Of course, you are Baadshah King Khan SRK and Baazigar. Please come into this room (indicating towards the direction).

      SRK – Stretching his arms wide across (his trade mark style), he he hehe… you are making a big mistake. I am an actor from India and a damn well known one at that.

      US CUSTOMS OFFICER – Yes of course, we know that. Your passport says that your profession is ACTING. Can I ask you when the last time you ever ACTED on screen was? (this was the strange and embarrassing question!!!)
      SRK – Well, I just had a big release and a big hit called Rab Ne Banaayi Jodi.

      CUSTOMS – That’s a lie. The movie was horrible. You were horrible. The female in the movie was horrible. You are not answering our questions honestly, Mr. Khan.
    • US CUSTOMS OFFICER – OK Mate, can I have your name please?

      SRK- I am known by many names – Baadshah, King Khan, SRK, Baazigar…

      US CUSTOMS OFFICER – Sir, do you have passports for all these names? Please come aside. We need to talk.

      SRK (a bit irritated)- I think you do not know who I am.

      US CUSTOMS OFFICER – Of course, you are Baadshah King Khan SRK and Baazigar. Please come into this room (indicating towards the direction).

      SRK – Stretching his arms wide across (his trade mark style), he he hehe… you are making a big mistake. I am an actor from India and a damn well known one at that.

      US CUSTOMS OFFICER – Yes of course, we know that. Your passport says that your profession is ACTING. Can I ask you when the last time you ever ACTED on screen was? (this was the strange and embarrassing question!!!)
      SRK – Well, I just had a big release and a big hit called Rab Ne Banaayi Jodi.

      CUSTOMS – That’s a lie. The movie was horrible. You were horrible. The female in the movie was horrible. You are not answering our questions honestly, Mr. Khan.

      SRK – This is damn embarrassing!!! How dare you insult my acting skills!!!! I am not going to take this lightly.
    • SRK- You guys are making me lose my patience. I am tensed and irritated. It’s been more than 2 hours of grilling.

      CUSTOMS – I think you are mistaken sir!!! You are inside this room for precisely 60 minutes now and you will be ushered out in next 5 mins.

      SRK – Dude, you are wearing a lousy Chinese Casio watch. I am wearing a Tag Heuer. I am the brand ambassador for this watch. Do not doubt the time on my watch.

Saturday, August 29, 2009

Partition and Our days in Lodhi Road

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    • Jinnah made “Pakistan” inevitable.  He alone had not pitched for it.  He only took advantage of the religious passion already ignited by Sir Syed Ahmad and Mohammad Iqbal.  Chalapati Rao says, “Jinnah used it with a subtle sense of strategy and single-minded devotion.”
    • But then Jinnah went all out and proclaimed a Direct Action Day resulting in communal killings, especially in Calcutta and his followers cried “Mar Ke leinge Pakistan.” For those of us whose families saw the aftermath of Partition, Jaswant Singh’s observations on Patel cannot be tolerated the least.
    • They were Government servants and were instructed by the Home Ministry to return home by 6 p.m.  Every night Muslims used to march from Nizamuddin, armed with weapons shouting  ‘Allah hu Akbar.’ The Hindus in Lodhi Road used to guard their homes and families by turn holding lathis, some of them shouting ‘Harahara Mahadev’ as a retaliation.
    •  “They were dark days and crowded hours,” to borrow Rao’s enigmatic expression. The Delhi police which was under Patel was the only protection for Hindus.  There was large scale shooting of Muslims by the police.  The Delhi police used to give instructions to Tamilians to display thier “poonool” (sacred thread) over one of their ears so that they will not be mistaken and shot.  Such was the anger of Hindus, where they were members of the police or the public.  Nehru was dismayed that the killing of Muslims continued unabated and called Patel.  It was only later that the Madras Regiment was summoned and the Delhi riots quelled.

25-30 सालों में भारत हिंदू राष्ट्र: संघ-देश/राजनीति-देश-दुनिया-Economic Times Hindi

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    • एक सवाल के जवाब में मोहन राव भागवत ने स्पष्ट कहा कि संघ अगले 25 से 30 वर्षों में अपने लक्ष्य को हासिल कर लेगा। गौरतलब है कि हिंदू राष्ट्र की स्थापना संघ का लक्ष्य है। बीजेपी के मुद्दे पर पूछे गए हर सवाल को मोहन राव भागवत यह कह कर टाल गए कि यह बीजेपी का अंदरुनी मामला है, वही जाने, संघ का इससे कोई मतलब नहीं। उन्होंने पत्रकारों को राय दी कि आप मेरा इंटरव्यू टाइम्स नाउ के बेवसाइट http://www.timesnow.tv पर जाकर देख सकते हैं। बीजेपी से जुड़े मेरे सारे विचार स्पष्ट हो जाएंगे।

कैमरे लगे तो बढ़ी मंदिर की आमदनी

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    • पटियाला
    • जब से माता श्री काली देवी मंदिर में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, तब से मंदिर में लगभग 3 लाख रुपए की ज्यादा आमदनी हुई है। जिला धर्मार्थ शाखा ने जैसे ही हिंदू संगठनों के साथ डीसी दीपइंदर सिंह की मीटिंग में यह डाटा रखा, त्यों ही कैमरों का विरोध कर रहे हिंदू संगठनों ने अपनी भाषा बदल ली।
    • इस डाटा के साथ एक बात को साफ है कि इससे पहले गोलक के साथ ऐसा कुछ हो रहा था, जो कैमरे लगने के बाद नहीं हो पाया और चढ़ावे में एक दम से लाखों का इजाफा हो गया। विहिप के नेता लखविंदर सरीन ने जब माता की मूर्ति पर कैमरे की बजाय गोलक पर फोकस करने का सुझाव दिया तो सभी ने एक मत होकर इस प्रस्ताव को मान लिया।



      इस प्रस्ताव के मुताबिक अब जो गोलक माता के चरणों के पास है, उसे उठा कर मंदिर दरबार के मेन एंट्रेंस पर रखा जाएगा, उसके ऊपर एक कैमरा फोकस होगा। श्रद्धालु उसमें अपना चढ़ावा डाल कर आगे माता की मूर्ति के पास जाकर माथा टेकेंगे। माता की मूर्ति के पास बैठा पुजारी इस बात का खास ध्यान रखेगा कि कोई भी श्रद्धालु गोलक के बाहर चढ़ावा ना चढ़ाए।

Deshbandhu : news,regional,chhattisgarh,raipur, छत्तीसगढ़,रायपुर, गजनी रूपी गणेश प्रतिमा के खिलाफ उमड़ा जनाक्रोश

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    • भगवान गणेश की स्थापना मूर्तिकार और गणेश समितियों द्वारा मनमाफिक स्वरूप में की जाती है। राजधानी के कई स्थानों में गणपति को कई स्वरूपों में स्थापित किया गया है, लेकिन भनपुरी में गणेश जी की प्रतिमा को गजनी फिल्म के हीरो के रूप स्थापित किया गया, जिससे यहां के लोगों में आक्रोश व्याप्त है। इसके चलते अब मूर्ति को नया स्वरूप दे दिया गया है। गणेश प्रतिमाओं के स्थापना के दौरान उन्हें अलग-अलग स्वरूप में बैठाने की परम्परा से गणेश जी के पारम्पारिक स्वरूप का लगातार अपमान हो रहा है।
    • रायपुर

Butchers assault PAWS volunteers as policemen stand by and watch, News - City - Mumbai Mirror,Mumbai Mirror

Friday, August 28, 2009

India Retold: DOES INDIA NEED

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    • As is evident from this Plan and the maps of the Pakistan that was proposed by the Muslim League, one of which is shown above, the party led by Jinnah saw India in only two dimensions: majority and minority, Hindu and Muslim. There was no space in it for ethnicity. So, the "federalism" that Jinnah spoke about and that has so impressed Jaswant Singh, was, to my uncluttered mind, something that applied only along religious lines.
    • It would be fair to say that the concept of Pakistan could easily have been buried at the time of Partition itself. Ethnic Punjabis and Sindhis would have undoubtedly revolted and rejected Pakistan had they found themselves getting outnumbered in their land by Muslims from other parts of India who chose not to go to Pakistan. That is the real trick that Indian leaders missed at that time.
    • It also needs to be mentioned here that Pakistan is the only multi-language, multi-ethnic state in the world created from nowhere on the basis of Islam. Even the Arabs, the race to which the Prophet belonged, have not ever been able to form one nation state with the glue of the religion that they have taken almost all over the world. One race, one language, one religion, 22 countries. The glue of Islam has worked only in West Pakistan so far, and that too primarily because the military, that has a huge stake in its continuance as one country, has ruthlessly put down movements for separation based on ethnicity.
    • Had Jinnah foreseen that after Independence, the Congress would cease to be the force that it was then, and that after half a century, regional political parties with barely a dozen MPs would be in a position to veto decisions of the Central government, he would have been able to look beyond the very limited and communal Hindu-Muslim dimension that he allowed himself to get stuck in, in his quest for an immediate and disproportionate share of the power pie.

Vote for me « A wide angle view of India

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    • Hullo readers. For the first time I am writing a post to ask readers to vote for me in a contest. The Indiblogger contest is for best short stories (Go here to vote) and I would love to win it. Usually I never write to solicit votes but being a writer at heart and the quality of my stories, I feel I deserve to win this one. In fact I really want to win this one.

    • I hope it isn’t too much trouble for you to cast a vote for me! I have already approached quite a few regular readers my email, but there are others whom I haven’t written to. Only bloggers can vote.

      If you are too busy to do so, I’ll understand.

महाजाल पर सुरेश चिपलूनकर (Suresh Chiplunkar): घबराने की आवश्यकता नहीं, यह

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    • अब हार के लिये "जिम्मेदार व्यक्ति" यानी कौन? ज़ाहिर है कि पार्टी पर काबिज एक गुट, जो कि भाजपा को सेकुलर बनाने और अपना उल्लू सीधा करके पार्टी को कांग्रेस की एक घटिया "बी" टीम बनाने पर तुला हुआ है। लेकिन "सीधी बात" कर दी अरुण शौरी ने, ऐसे व्यक्ति ने, जिसे पार्टी का बौद्धिक चेहरा समझा जाता है, ज़मीनी नहीं। ऐसे व्यक्ति ने आम कार्यकर्ताओं के मन की बात पढ़ते हुए बिना किसी लाग-लपेट के सच्ची बात कह दी अर्थात "संघ को भाजपा को टेक-ओवर कर लेना चाहिये…", और इस बात से पार्टी में कुछ लोगों को सिर्फ़ मिर्ची नहीं लगी, बल्कि भूचाल सा आ गया है। जबकि अरुण शौरी द्वारा लगाये गये सारे आरोप, एक आम कार्यकर्ता के दिल की बात है।
    • "सीधी बात" कर दी अरुण शौरी ने, ऐसे व्यक्ति ने, जिसे पार्टी का बौद्धिक चेहरा समझा जाता है, ज़मीनी नहीं। ऐसे व्यक्ति ने आम कार्यकर्ताओं के मन की बात पढ़ते हुए बिना किसी लाग-लपेट के सच्ची बात कह दी अर्थात "संघ को भाजपा को टेक-ओवर कर लेना चाहिये…", और इस बात से पार्टी में कुछ लोगों को सिर्फ़ मिर्ची नहीं लगी, बल्कि भूचाल सा आ गया है। जबकि अरुण शौरी द्वारा लगाये गये सारे आरोप, एक आम कार्यकर्ता के दिल की बात है।
    • जो छोटी सी बात एक सड़क का कार्यकर्ता समझता है कि चाहे भाजपा लगातार 2 माह तक शीर्षासन भी कर ले, मुस्लिम उसे वोट नहीं देने वाले, यह बात शीर्ष नेतृत्व को समझ नहीं आई। पहले इस कुलकर्णी वायरस ने आडवाणी को चपेट में लिया, वे जिन्ना की मज़ार पर गये, वहाँ जाकर पता नहीं क्या-क्या कसीदे काढ़ आये, जबकि बेचारे जसवन्त सिंह ने तो जिन्ना को शराबी, अय्याश और स्वार्थी बताया है। फ़िर भी चैन नहीं मिला तो आडवाणी ने पुस्तक लिख मारी और कंधार प्रकरण से खुद को अलग कर लिया, जबकि बच्चा भी समझता है कि बगैर देश के गृहमंत्री की सलाह या जानकारी के कोई भी इस प्रकार दुर्दान्त आतंकवादियों को साथ लेकर नहीं जा सकता। थोड़ी कसर बाकी रह गई थी, तो खुद को "मजबूत प्रधानमंत्री" भी घोषित करवा लिया,
    • आडवाणी यह नहीं समझ पा रहे हैं कि, 2 सीटों से 190 तक ले जाने में उनके राम मन्दिर आंदोलन का बहुत बड़ा हाथ रहा और इसके लिये पार्टी कार्यकर्ता उन्हें श्रेय भी देते हैं, लेकिन वह पिछली सदी और पिछली पीढ़ी की बात थी, "हिन्दुत्व" के उस विराट आंदोलन के बाद आडवाणी को समय रहते अपना चार्ज वक्त रहते किसी युवा के हाथों में दे देना चाहिये था, लेकिन इस बात में जो देरी हुई उसका नतीजा आज पार्टी भुगत रही है।
    • गोविन्दाचार्य ने बिलकुल सही कहा कि सैनिक तो लड़ने के लिये तैयार बैठे हैं, सेनापति ही आपस में लड़ रहे हैं, तो युद्ध कैसे जीतेंगे। कार्यकर्ता तो इन्तज़ार कर रहा है कि कब पार्टी गरजकर कहे कि "बस, अब बहुत हुआ!!! राम मन्दिर, धारा 370, समान नागरिक संहिता, बांग्लादेशी घुसपैठिये, उत्तर-पूर्व के राज्यों में सघन धर्मान्तरण, नकली सेकुलरिज़्म का फ़ैलता जाल, जैसे मुद्दों को लेकर जनमानस में माहौल बनाया जाये। पहले से ही महंगाई, भ्रष्टाचार और आतंकवाद से त्रस्त जनता को उद्वेलित करने में अधिक समय नहीं लगेगा, लेकिन यह बात बड़े नेताओं को एक आम कार्यकर्ता कैसे समझाये? उन्हें यह कैसे समझाये कि देश की युवा पीढ़ी भी देश के नपुंसक हालात, बेरोजगारी, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि से त्रस्त है, "राष्ट्रवाद" की एक मजबूत चिंगारी भी एक बड़े वोट बैंक को भाजपा के पीछे खड़ा कर सकती है, लेकिन नेताओं को लड़ने से फ़ुर्सत मिले तब ना।
    • सेकुलर बुखार से पीड़ित इस मरीज को अभी थोड़े और झटके सहने पड़ेंगे, लेकिन एक बार यह वायरस उसके शरीर से पूरी तरह निकल जाये, तब "ताज़ा खून" संचारित होते देर नहीं लगेगी, और मरीज फ़िर से चलने-फ़िरने-दौड़ने लगेगा…। आज की तारीख में संघ-भाजपा-हिन्दुत्व विरोधियों का "पार्टी-टाइम" चल रहा है, उन्हें मनाने दो…

महाजाल पर सुरेश चिपलूनकर (Suresh Chiplunkar): काबा, एक शिव मन्दिर ही है… : वैदिक परम्पराओं के विचित्र संयोग (भाग-2) Kaaba a Hindu Temple

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    • अतः एक प्रकार से मक्का, भारत के वाराणसी की तर्ज पर विद्वानों के बीच अतिमहत्वपूर्ण बहसों के केन्द्र के रूप में उभरा, जहाँ भक्तगण एकत्रित होकर परम-आध्यात्मिक सुख और आशीर्वाद लेते थे। वाराणसी और मक्का दोनों ही जगहों पर इन चर्चाओं और आध्यात्म का केन्द्र निश्चित रूप से शिव का मन्दिर रहा होगा। यहाँ तक कि आज भी मक्का के काबा में प्राचीन शिवलिंग के चिन्ह देखे जा सकते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि काबा में प्रत्येक मुस्लिम जिस काले पत्थर को छूते और चूमते हैं वह शिवलिंग ही है। हालांकि अरबी परम्परा ने अब काबा के शिव मन्दिर की स्थापना के चिन्हों को मिटा दिया है, लेकिन इसकी खोज विक्रमादित्य के उन शिलालेखों से लगाई जा सकती है जिनका उल्लेख “सायर-उल-ओकुल” में है। जैसा कि सभी जानते हैं राजा विक्रमादित्य शिव के परम भक्त थे, उज्जैन एक समय विक्रमादित्य के शासनकाल में राजधानी रही, जहाँ कि सबसे बड़े शिवलिंग महाकालेश्वर विराजमान हैं। ऐसे में जब विक्रमादित्य का शासनकाल और क्षेत्र अरब देशों तक फ़ैला था, तब क्या मक्का जैसी पवित्र जगह पर उन्होंने शिव का पुरातन मन्दिर स्थापित नहीं किया होगा?
    • जैसे-जैसे इस्लामी श्रद्धालु काबा की ओर बढ़ता है, उस भक्त को अपना सिर मुंडाने और दाढ़ी साफ़ कराने को कहा जाता है। इसके बाद वह सिर्फ़ “बिना सिले हुए दो सफ़ेद कपड़े” लपेट कर ही आगे बढ़ सकता है। जिसमें से एक कमर पर लपेटा जाता है व दूसरा कंधे पर रखा जाता है। यह दोनों ही संस्कार प्राचीन काल से हिन्दू मन्दिरों को स्वच्छ और पवित्र रखने हेतु वैदिक अभ्यास के तरीके हैं, यह मुस्लिम परम्परा में कब से आये, जबकि मुस्लिम परम्परा में दाढ़ी साफ़ करने को तो गैर-इस्लामिक बताया गया है?
    • काबा में मुस्लिम श्रद्धालु उस पवित्र जगह की सात बार परिक्रमा करते हैं, दुनिया की किसी भी मस्जिद में “परिक्रमा” की कोई परम्परा नहीं है, ऐसा क्यों? हिन्दू संस्कृति में प्रत्येक मन्दिर में मूर्ति की परिक्रमा करने की परम्परा सदियों पुरानी है। क्या काबा में यह “परिक्रमा परम्परा” पुरातन शिव मन्दिर होने के काल से चली आ रही है?
    • इस्लाम के अस्तित्व में आने के 1300 वर्ष हो जाने के बावजूद कई हिन्दू संस्कार, परम्परायें और विधियाँ आज भी पश्चिम एशिया में विद्यमान हैं। आईये देखते हैं कि कौन-कौन सी हिन्दू परम्परायें इस्लाम में अभी भी मौजूद हैं – हिन्दुओं की मान्यता है कि 33 करोड़ देवताओं का एक देवकुल होता है, पश्चिम एशिया में भी इस्लाम के आने से पहले 33 भगवानों की पूजा की जाती थी। चन्द्रमा आधारित कैलेण्डर पश्चिम एशिया में हिन्दू शासनकाल के दौरान ही शुरु किया गया। मुस्लिम कैलेण्डर का माह “सफ़र” हिन्दुओं का “अधिक मास” ही है, मुस्लिम माह “रबी” असल में “रवि” (अर्थात सूर्य) का अपभ्रंश है (संस्कृत में “व” प्राकृत में कई जगह पर “ब” होता है)। मुस्लिम परम्परा “ग्यारहवीं शरीफ़”, और कुछ नहीं हिन्दू “एकादशी” ही है और दोनों का अर्थ भी समान ही है। इस्लाम की परम्परा “बकरीद”, वैदिक कालीन परम्परा “गो-मेध” और “अश्व-मेध” यज्ञ से ली गई है। संस्कृत में “ईद” का अर्थ है पूजा, इस्लाम में विशेष पूजा के दिन को “ईद” कहा गया है। संस्कृत और हिन्दू राशि चक्र में “मेष” का अर्थ मेमना, भेड़, बकरा होता है, प्राचीन काल में जब सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता था तब मांस के सेवन की दावत दी जाती थी। इसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए इस्लाम ने इसे “बकरीद” के रूप में स्वीकार किया है (उल्लेखनीय है कि हिन्दी में भी “बकरी” का अर्थ बकरी ही होता है)। जिस प्रकार “ईद” का मतलब है पूजा, उसी प्रकार “गृह” का मतलब है घर, “ईदगृह = ईदगाह = पूजा का घर = पूजास्थल, इसी प्रकार “नमाज़” शब्द भी नम + यज्ञ से मिलकर बना है, “नम” अर्थात झुकना, “यज्ञ” अर्थात पूजा, इसलिये नम + यज्ञ = नमज्ञ = नमाज़ (पूजा के लिये झुकना)। इस्लाम में नमाज़ दिन में 5 बार पढ़ी जाती है जो कि वैदिक “पंचमहायज्ञ” का ही एक रूप है (दैनिक पाँच पूजा – पंचमहायज्ञ) जो कि वेदों में सभी व्यक्तियों के लिये दैनिक अनुष्ठान का एक हिस्सा है। वेदों में वर्णन है कि पूजा से पहले, “शरीरं शुद्धयर्थं पंचगंगा न्यासः” अर्थात पूजा से पहले शरीर के पाँचों अंगों को गंगाजल से धोया जाये, इसी प्रकार इस्लाम में नमाज़ से पहले शरीर के पाँचों भागों को स्वच्छ किया जाता है।

Thursday, August 27, 2009

Catholic schools fear political interference - Mumbai - City - NEWS - The Times of India

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    • The Catholic Church is readying itself to protest against Clause 21 of the Right of Children to Free and Compulsory Education Bill, 2008, which envisages local elected representatives being part of school management committees.

      "The move will have severe repercussions on scores of aided schools run by religious and linguistic minority groups all over the country, as it will leave room for political intereference,'' said Fr Babu Joseph, spokesperson for the Catholic Bishops Conference of India (CBCI), the apex body of the Catholic Church which runs over 10,000 educational institutions all over the country.
    • MUMBAI:

BAMULAHIJA : Cartoons on Indian/ International Politics & Current Affairs by Kirtish Bhatt: कार्टून : पाकिस्तानी नोट पर जसवंत सिंह की फोटो!!!!!!!

Hindu temple appeal spreads worldwide (From The Oxford Times)

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    • HINDUS in Oxford are hoping Indians across Britain and the world will help raise the £2m they need for a new temple.

      The group behind the Oxford Hindu Temple and Community Centre Project is renewing its fundraising appeal in the run-up the first anniversary of launching their campaign to build a place of worship in the city.

      They said the city was in desperate need for its own temple because many Hindus currently travel to Reading, London or Birmingham to worship.

    • “To build the temple we need at least £2m and we are not going to find that from just the Hindus in the city.

30 Hindu inmates keep fasts along with Muslim friends at Tihar - Express India

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    • New Delhi
    • Sushil Sharma, convicted in the Naina Sahni murder case, is eating khajurs and food twice a day. He and 30 other Hindu prisoners in Tihar Jail will fast for a month during Ramzan this year.

      These prisoners are joining Tihar’s 4,000 Muslim inmates during prayers, and iftaar and sehri.

    • There are around 11,000 prisoners in Tihar Jail, of which around 30 per cent are Muslim; officials said almost all of them are fasting.

Jagran - जसवंत सिंह के जिन्ना

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    • मुस्लिम नेताओं, बुद्धिजीवियों का दावा बिल्कुल भिन्न था। वे सत्ताधारी जाति होने की ठसक से पाकिस्तान मांग रहे थे, न कि किसी हिंदू वर्चस्व की चिंता से। 1909 में अल्लामा इकबाल की प्रसिद्ध रचना शिकवा, जिसे सर्वमान्य रूप से पाकिस्तान आदोलन का प्रथम मैनिफेस्टो माना जाता है, से लेकर 1940 में मुस्लिम लीग के ऐतिहासिक पाकिस्तान प्रस्ताव तक कहीं एक शब्द नहीं मिलता जो संकेत दे कि मुिस्लम नेता स्वतंत्र भारत में हिंदू बहुमत की संभावना से असहज थे। जी नहीं। उनका पूरा दावा यह था कि चूंकि अंग्रेजों ने मुगल साम्राज्य से सत्ता छीनी इसलिए वे पुन: उसके उत्तराधिकारी मुस्लिमों को सत्ता दें।
    • इकबाल से लेकर अली बंधु और जिन्ना तक, सभी मुस्लिम नेताओं की भाषा दबंगई की भाषा है। मुसलमानों के लिए जिन्ना के शब्द थे 'मास्टर रेस' यानी मालिक नस्ल। काग्रेस अध्यक्ष रहे मौलाना मुहम्मद अली ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि एक गिरा हुआ और बदकार मुसलमान भी मेरे लिए महात्मा गांधी से भी उच्चतर है। क्या यह किसी आशकित, भयभीत समुदाय की भाषा है? जसवंत सिंह ने झूठे कम्युनिस्ट प्रचार को उठा लिया है कि मुसलमानों को हिंदू बहुसंख्यकवाद की आशका थी। जिन शब्दों में जसवंत सिंह ने इस बिंदु को रखने का प्रयत्न किया है उसी से स्पष्ट है कि यह उनके द्वारा स्वयं पाया हुआ निष्कर्ष नहीं है। जिन्ना के व्यक्तिगत गुणों के बारे में जसवंत सिंह ने गलत नहीं लिखा है, किंतु भारत विभाजन की जिम्मेदारी तथा जिन्ना और मुस्लिम लीग के बारे में उनके विचार तथ्यों से मेल नहीं खाते। गांधी और जिन्ना की तुलना में भी उनकी बातें प्रमाणिक नहीं लगतीं।
    • [एस. शंकर: लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं]

विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पर उचित कार्रवाई करूंगा:लोन :: सहारा समय

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    • जम्मू कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष मोहम्मद अकबर लोन ने आज विपक्षी भाजपा को आश्वस्त किया कि सभा को कथित तौर पर गुमराह करने के लिए अगर वह राज्य सरकार के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाती है तो वह �उचित कार्रवाई' करेंगे।
      यह आश्वासन तब आया जब भाजपा विधायक दल के नेता चमन लाल गुप्ता ने लोन से शिकायत की कि सरकार कश्मीरी विस्थापितों की संख्या से जुड़े सवालों का विरोधाभासी जवाब देकर विधानसभा को गुमराह कर रही है।
      विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाएं, मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि मैं उचित कार्रवाई करूंगा। गुप्ता ने कहा कि 22 अगस्त को उनके एक सवाल के जवाब में सरकार ने कहा कि इस साल जनवरी तक सिर्फ 33 हजार 499 हिंदू विस्थापित जम्मू राहत प्राधिकार में पंजीकृत थे जबकि एक साल पहले इसी सदन में सरकार ने एक सवाल के जवाब में यह संख्या 56 हजार बताई थी।
    • श्रीनगर

visfot.com । विस्फोट.कॉम - आतंकवाद जिन्ना की विरासत है

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    • जी पार्थसारथि
    • पूर्व राजनयिक नरेंद्र सिंह सरिला ने बहुत सतर्कतापूर्वक एक किताब लिखी है "द शैडो ऑफ द ग्रेट गेम-द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ पार्टीशन" जिसमें उन्हें खुलासा किया है कि मई १९४६ में कैबिनेट मिशन के भारत आने से पहले, एक के बाद एक आए ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड लिनलिथगो तथा लॉर्ड वेवैल पहले ही फैसला कर चुके थे कि भारत का बंटवारा करके उत्तर-पश्चिम में एक मुस्लिम राष्ट्र की स्थापना की जाए जिसकी सीमाएं ईरान, अफगानिस्तान और चीन से लगती हों. यह इसलिए था क्योंकि इस इलाके में तेल पर ब्रिटेन अपने दावों को मजबूत करना चाहता था. 1939 में जिन्ना ने इस ब्रिटिश इरादे को जिन्ना ने पूरा करने में योगदान दिया. आखिरकार 1947 में जिन्ना ऐसे पाकिस्तान की रचना करने में सफल रहे जो आगे चलकर दुनियाभर के आतंकवाद का केन्द्र बन गया.

Tuesday, August 25, 2009

सचिन की दुनिया: वक्त पड़ने पर इन्हें याद आ जाता है कि ये मुसलमान हैं

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    • वक्त पड़ने पर इन्हें याद आ जाता है कि ये मुसलमान हैं
    • मैं तब भी अंचभित रह गया था जब अमूमन नंगे बदन रहने वाला और अंडरवियर पहनी लड़कियों के साथ डांस करते रहने वाला सलमान खान भी काले हिरण के शिकार के समय जेल जाने के बाद अचानक मुसलमान हो गया था। (????) सलमान तब जेल में मुस्लिम गोल टोपी पहनने लगा था और बोलने लगा था कि वो अल्पसंख्यक वर्ग से है इसलिए उसके साथ ये भेदभाव हो रहा है। गजब है भाई, उस पर से तुर्रा ये कि इन दोनों मुस्लिम हीरो की माताएँ हिन्दू हैं और आज तक इनके साथ कभी धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया गया।
    • संजय दत्त का उदाहरण भी मुझे याद आता है। वो टाडा में जब जेल में बंद था तो अचानक ही उसे अपनी माँ का धर्म (इस्लाम) याद आ गया था। वो वहाँ वही गोल मुस्लिम टोपी पहनकर रहता था, पाँचों समय की नमाज पढ़ता था और हमें यह बताने की कोशिश करता था कि उसकी माँ मुसलमान थी इसलिए उसे जेल में बंद कर दिया गया..।

    • आपका ही सचिन...।

सचिन की दुनिया: क्या मुझे हिन्दू की औलाद समझा है..??

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    • पाकिस्तान की जनता सिर्फ नफरत केन्द्रित है
    • अगर किसी बस में या चौराहे पर, या पान की दुकान पर दो मुस्लिमों की आपस में लड़ाई हो जाए तो वे इन्हीं शब्दों का उपयोग करते हैं.....क्या मुझे हिन्दू की औलाद समझा है जो मैं तुझसे डर जाऊँगा। क्या मैं तुझे डरपोक लगता हूँ, क्या मेरी शक्ल हिन्दू जैसी है जो मुझे धमका रहा है......

सचिन की दुनिया: चटकती दरकती भाजपा की मानसिकता

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    • मुस्लिम वोट बैंक का पीछा करना छोड़ना होगा
    • भाजपा का स्थान देश की राजनीति में तय ही हिन्दुत्व के आधार पर हुआ है। 1992 में गिरे बाबरी मस्जिद ढाँचे में उसकी भूमिका अहम है और उसे यह भूल जाना चाहिए कि आने वाली कई शताब्दियों तक मुस्लिम उसे वोट देने की गलती से भी सोचेंगे। मुसलमान भाजपा से चिढ़ते हैं, आरएसएस से चिढ़ते हैं और हर उस शख्स से चिढ़ते हैं जो इनसे जुड़ा हुआ हो। भाजपा में दो मुसलमान चेहरे हैं, मुख्तार अब्बास नकवी और शाहनवाज हुसैन। लेकिन भारत की मुस्लिम जमात इन्हें मुसलमान ही नहीं मानती। अगर ये उनके हत्थे चढ़ जाएँ तो भारतीय मुसलमान इन्हें मार ही डालें।
    • इन चुनावों में हमने देख लिया कि भाजपा की राष्ट्रीय स्तर पर फजीहत क्यों हुई। वरुण गाँधी ने उत्तर प्रदेश में आग उगली। लेकिन भाजपा ने उससे अपने को अलग कर लिया। अरे अगर आपने उस व्यक्ति को टिकट दिया है तो पहले ही उसे समझा देना चाहिए था कि क्या बोलना है और अगर बोल दिया तो उसके साथ रहना था।
    • जब सपा और बसपा रूपी आप्शन उनके सामने आए तो उन्होंने कांग्रेस से किनारा कर लिया। मुसलमान कांग्रेस को सिर्फ इसलिए वोट देते हैं ताकि भाजपा सत्ता में नहीं आ पाए, लेकिन भाजपा को यह बात समझ ही नहीं आती। उसको समझ लेना चाहिए कि अगर कोई दूसरा आप्शन सामने आया तो मुसलमान कांग्रेस छोड़कर उसे चुन लेंगे लेकिन भाजपा को कभी नहीं चुनेंगे। इसलिए भाजपा की मुस्लिमों को रिझाने की कोई भी रणनीति कभी काम नहीं आनी वाली।
    • भाजपा का राम मंदिर अलाप फुस्स हो चुका है और अब अगर वो मंदिर की बात करेगी तो लोग उसपर हँसेंगे। अब भाजपा को अंदरूनी कलह से उबरकर अपना स्थाई स्टेण्ड रखकर सिर्फ देश की तरक्की पर ध्यान देना चाहिए नहीं तो वो भारत-पाकिस्तान, हिन्दू-मुसलमान करती रह जाएगी और देश में तेजी से बढ़ रही तरक्की पसंद जनता उसे धीरे से किनारे लगा देगी और कांग्रेस बार-बार इसी तरह सत्ता में रिपीट करती रहेगी जैसा कि उसने इस बार किया।

      आपका ही सचिन.....।

HC disposes plea for Bible in school

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    • BANGALORE:
    • The High Court on Monday observed that it had no power to direct the state government to allow educational institutions to subscribe to the Bible.

       

      While disposing a public interest litigation filed by Christian Legal Association seeking direction to the government to allow educational institutions to subscribe to the Bible for their libraries, a division bench headed by Chief Justice P D Dinakaran observed that it could not compel the state on the issue.

       

      However, the court also observed that the government could not restrain educational institutions from accepting the Bible as a gift from voluntary organisations.

India can open consulate in Lhasa: Chinese official - China - World - NEWS - The Times of India

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ : सबकुछ जो आप हमेशा जानना चाहते थे

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    rss
    • आइए हम बताते हैं कि आखिर संघ में हाथ में वह कौन सी लगाम है जो भाजपा को नियंत्रित करती है..
    • संघ का इतिहास
    • मोहन भागवत दूसरे सबसे युवा संघचालक
    • हर जगह पैठ है संघ की
    sss
    • भारतीय जनता पार्टी :
    • अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद :
    • बजरंग दल :
    • क्या है शाखा
    untitled_03
    • संघ की आलोचनाएं
    • तब मुख्य घटक, अब बढ़ता तनाव
    • कितनी बार पाबंदी?
    • कौन-कौन कर्णधार?

Jagran - नेपाल से जरूरी निकटता

  • नेपाल से जरूरी निकटता

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    • यह विडंबना है कि लोकतात्रिक अभिव्यक्ति के सर्वश्रेष्ठ प्रतिनिधि के नाते माधव नेपाल की प्रधानमंत्री के रूप में पहली भारत यात्रा मीडिया और सामान्य जनचर्चा की दृष्टि से उपेक्षित रही। मीडिया शिमला, जिन्ना और जसवंत सिंह की पुस्तक की चर्चा में इतना डूबा रहा कि दुनिया में जिस हिंदू बहुल नेपाल राष्ट्र के साथ भारत के सर्वाधिक आत्मीय और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रिश्ते हैं उसके संबंध में चर्चा के लिए किसी चैनल या अखबार को अवकाश नहीं मिला। इसके विपरीत यदि भारत से शत्रुता रखने वाले पाकिस्तान जैसे देश से कोई प्रधानमंत्री से भी छोटे स्तर का नेता आता तो यही अखबार और चैनल उसे ज्यादा महत्व देते।

मुस्लिम बहन जाती है तीजा

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      • धमतरी
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      धर्म के नाम पर मरने-मारने के लिए उतारू हो जाने वाली भीड़ के बीच धमतरी शहर के एक हिन्दू भाई और मुस्लिम बहन 30 सालों से रिश्ता निभा रहे हैं। दानीटोला नहर नाका के पास रहने वाले उजियार सिंह ध्रुव वर्तमान में करीब 70 वर्ष के हैं और शरीर से चलने-फिरने में असमर्थ हो चुके हैं।

      करीब 30 साल पहले अधारी नवागांव में शासकीय प्राथमिक शाला का शुभारंभ हुआ था, उस समय उन्होंने अध्यापक के रूप में वहां कार्य आरंभ किया। पानी जैसी छोटी जरूरतों के लिए हमीदा बेगम से मदद ली और भाई-बहन का रिश्ता बन गया। तब से आज तक हर साल उजियार सिंह ध्रुव अपनी बहन हमीदा बेगम को तीजा के लिए अपने घर लाना नहीं भूलते।

      बहन भी हर साल रक्षाबंधन तथा तीजा के लिए अपने हिन्दू भाई के घर जाने को लालायित रहती है। दोनों ही अलग धर्मावलंबी है, इसके बावजूद भाई-बहन के रिश्ता कभी कमजोर नहीं हुई। ईद पर हमीदा बेगम अपने भाई को मीठी सेवई खिलाना नहीं भूलती।

      अब श्री ध्रुव चलने फिरने में सक्षम नहीं हैं और उनकी पत्नी बिरझा बाई भी चल बसी है। ऐसे में उनके बेटे रामकुमार ध्रुव और पूनम सिंह ध्रुव हमीदा बेगम को तीजा पर लेने के लिए जाते हैं और घर में उनके लिए खानपान का इंतजाम मुसलमानों की तरह ही किया जाता है। विदाई के वक्त हिन्दूओं की परंपरा के मुताबिक साड़ी और उपहार देना नहीं चूकते। तेज दौड़ती दुनिया में रिश्ते भी तेजी से रंग बदल रहे है, ऐसे में भिन्न धर्मावलंबियों के बीच यह मजबूत रिश्ता सुकुन का अहसास कराता है।

जानवरों को काटने के लिए ले जाते 3 गिरफ्तार

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      • लुधियाना

      30 भैसों से लदे ट्रक को थाना डिवीजन नंबर 7 की पुलिस ने एक सूचना के आधार पर चंडीगढ़ रोड स्थित मोहनी रिसोर्ट के पास रोककर तीन लोगों को देर रात्रि काबू किया। मौके पर काबू किए गए अरशद ने माना कि वह इन जानवरों को काटने के लिए मेरठ के पास स्थित शामली नामक कस्बे में ले जा रहा था। उसने इस से पहले भी जानवरों को मेरठ ले जाने की बात कबूली।



      केप इंडिया की स्थानीय इकाई के प्रमुख डाक्टर संदीप जैन व विश्व हिंदु परिषद व बजरंग दल के कार्याकर्ताओं ने जानवरों को कसाईयों के चगुंल से रिहा करके पानी पिलाया व सुरक्षित जगह पहुंचाने का इंतजाम किया।

BBC Hindi - भारत - जिन्ना राष्ट्रवादी थे: सुदर्शन

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    • पाकिस्तान के संस्थापक जिन्ना पर जसवंत सिंह के बाद अब आरएसएस के पूर्व प्रमुख केएस सुदर्शन ने भी बयान दे डाला है.
    विरोध
    • साथ ही उन्होंने कहा कि जिन्ना पहले राष्ट्रवादी थे लेकिन बाद में नाराज़ हो गए और अंग्रेज़ों ने उनके मन में विभाजित राष्ट्र के बीज बो दिए.
    • क्या वह जिन्ना को धर्मनिरपेक्ष मानते हैं, इस सवाल पर उन्होंने कहा,'' जिन्ना के अनेक रूप हुए हैं, वो कभी लोकमान्य तिलक के साथ थे और पूरी तरह राष्ट्र के प्रति समर्पित थे.''

कमीने से नाराज पुरी के पुजारी, केस दर्ज - khaskhabar

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      • भुवनेश्वर
      विशाल भारद्वाज की फिल्म कमीने पर एक और आफत आ गई है। इससे पुरी के पुजारी खासे नाराज बताए जाते हैं। इसी के चलते वहां एक सांस्कृतिक संगठन कलिंग सेना ने फिल्म के खिलाफ पुलिस स्टेशन में केस दर्ज कराया है। संगठन ने फिल्म के उस दृश्य पर आपत्ति दर्ज कराई है जिसमें शौचालय के दरवाजे पर लडकी की फोटो के साथ अपना हाथ जगन्नाथ लिखा है। संगठन का कहना है कि यह भगवान जगन्नाथ का अपमान है। पुलिस ने इस संगठन की शिकायत पर फिल्म के प्रोडयूसर के खिलाफ हिंदू भावनाओं को आहत करने का केस दर्ज कर लिया है।

BBC Hindi - भारत - भाजपा में अंतरकलह: एक विश्लेषण

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    • रामबहादुर राय

      वरिष्ठ पत्रकार

    • हमें यह समझ कर चलना चाहिए कि आरएसएस के बिना भाजपा का कोई अस्तित्व नहीं है. यदि आरएसएस का समर्थन न रहा, तो वह भी हिंदू महासभा की तरह छोटी सी पार्टी बन कर रह जाएगी.
    • हो सकता है नवंबर-दिसंबर में पार्टी की कमान पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के हाथ में न रहे. मेरा अपना मानना है कि इस भूमिका को निभाने के लिए सुषमा स्वराज या बाल आपटे में से कोई सामने आ सकता है.

      लेकिन ये सुधार की प्रक्रिया लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में ही चलेगी.

      ये नवंबर-दिसंबर तक चलेगी जब तक अध्यक्ष का चुनाव नहीं होता. भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के लोग बहुत डरे हुए हैं और अनेक लोग अपना होशोहवास खो बैठे हैं क्योंकि उन्हे डर है कि आरएसएस उन्हें बेदख़ल कर सकता है.

    • चाहे भाजपा हो या आरएसएस, उसे तय करना है कि राष्ट्रीयता, देशभक्ति और भारतीयता को वे किस तरह से परिभाषित करते हैं.

      इस पर मतभेद हैं और अलग-अलग नज़रिए हैं.

    • दूसरी ओर हिदुत्व की विचारधार की परिभाषा नहीं हुई है - जो आरएसएस कहे वहीं हिंदुत्व है, इस पर भी अनेक लोगों ने सवाल उठाए हैं.

      जहाँ तक आरएसएस-भाजपा के रिश्तों की बात है तो आरएसएस ने स्वदेशी, राष्ट्रीयता के सवाल उठाए हैं और इन सवालों पर हिंदू-मुस्लिम संबंधों
      का भी साया है.

    • (बीबीसी संवाददाता अतुल संगर के साथ बातचीत पर आधारित)

शादी नहीं रचा सके दो समलैंगिक युवक      :: सहारा समय

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    • लखनऊ
    • उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में स्थानीय लोगों के विरोध के चलते विवाह का पूरा साजो सामान लेकर मंदिर पहुंचे दो समलैंगिक युवक शादी नहीं रचा सके। घटना जिले के बड़ौत कस्बे की है, जहां सोमवार को एक प्राचीन मंदिर में दो 23 व 20 वर्षीय समलैंगिक युवक शादी रचाने गए थे।

      उस दौरान मंदिर में मौजूद रहे स्थानीय अमित सैनी ने मंगलवार को आईएएनएस को बताया कि दोनों युवक फूलों के हार, नये कपड़े और पूजा में प्रयुक्त होने वाले सामान के साथ मंदिर पहुंचे। पहले हमें लगा कि दोनों पूजा करने आए हैं।

      धर्मेंद्र कश्यप ने कहा कि मंदिर की परिक्रमा करने के बाद दोनों मंदिर के पुजारी के पास गए और कहा कि वे एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं। दोनों ने पुजारी से शादी कराने के लिए कहा। यह सुनकर पुजारी ने शादी कराने से मना करते हुए कहा कि यह हिंदू मान्यताओं के खिलाफ होगा।

      कश्यप के मुताबिक कई बार अनुरोध करने पर जब पुजारी ने शादी कराने के लिए हां नहीं की तो दोनों समलैंगिक गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देने लगे। इस पर पुजारी ने शोर मचा दिया जिससे मंदिर में पूजा करने वाले लोगों के अलावा आस-पास के लोग मौके पर पहुंच गये और उन्होंने दोनों समलैंगिकों की पिटाई कर वहां से भगा दिया।

Monday, August 24, 2009

महाजाल पर सुरेश चिपलूनकर (Suresh Chiplunkar): काबा, एक शिव मन्दिर ही है… : कुछ तथ्य, कुछ विचित्र संयोग (भाग-1) Kaaba a Hindu Temple - PN Oak

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    • इसी प्रकार कई बेहद प्राचीन नक्शों में कहीं-कहीं चीन को "वृहत्तर भारत" का हिस्सा भी चित्रित किया गया है। अब इस सम्बन्ध में पश्चिमी लेखकों और शोधकर्ताओं में आम सहमति बनती जा रही है कि पृथ्वी पर मानव का अस्तित्व 12,000 वर्ष से भी पुराना है, और उस समय की कई सभ्यताएं पूर्ण विकसित थीं।
    • पीएन ओक की मृत्यु से कुछ ही समय पहले की बात है, कुवैत में एक गहरी खुदाई के दौरान कांसे की स्वर्णजड़ित गणेश की मूर्ति प्राप्त हुई थी। कुवैत के उस मुस्लिम रहवासी ने उस मूर्ति को लेकर कौतूहल जताया था तथा इतिहासकारों से हिन्दू सभ्यता और अरब सभ्यता के बीच क्या अन्तर्सम्बन्ध हैं यह स्पष्ट करने का आग्रह किया था।
    • जब पीएन ओक ने इस सम्बन्ध में गहराई से छानबीन करने का निश्चय किया तो उन्हें कई चौंकाने वाली जानकारियाँ मिली। तुर्की के इस्ताम्बुल शहर की प्रसिद्ध लायब्रेरी मकतब-ए-सुल्तानिया में एक ऐतिहासिक ग्रन्थ है “सायर-उल-ओकुल”, उसके पेज 315 पर राजा विक्रमादित्य से सम्बन्धित एक शिलालेख का उल्लेख है, जिसमें कहा गया है कि “…वे लोग भाग्यशाली हैं जो उस समय जन्मे और राजा विक्रम के राज्य में जीवन व्यतीत किया, वह बहुत ही दयालु, उदार और कर्तव्यनिष्ठ शासक था जो हरे व्यक्ति के कल्याण के बारे में सोचता था। लेकिन हम अरब लोग भगवान से बेखबर अपने कामुक और इन्द्रिय आनन्द में खोये हुए थे, बड़े पैमाने पर अत्याचार करते थे, अज्ञानता का अंधकार हमारे चारों तरफ़ छाया हुआ था। जिस तरह एक भेड़ अपने जीवन के लिये भेड़िये से संघर्ष करती है, उसी प्रकार हम अरब लोग अज्ञानता से संघर्षरत थे, चारों ओर गहन अंधकार था। लेकिन विदेशी होने के बावजूद, शिक्षा की उजाले भरी सुबह के जो दर्शन हमें राजा विक्रमादित्य ने करवाये वे क्षण अविस्मरणीय थे। उसने अपने पवित्र धर्म को हमारे बीच फ़ैलाया, अपने देश के सूर्य से भी तेज विद्वानों को इस देश में भेजा ताकि शिक्षा का उजाला फ़ैल सके। इन विद्वानों और ज्ञाताओं ने हमें भगवान की उपस्थिति और सत्य के सही मार्ग के बारे में बताकर एक परोपकार किया है। ये तमाम विद्वान, राजा विक्रमादित्य के निर्देश पर अपने धर्म की शिक्षा देने यहाँ आये…”।
    • एक अरब लायब्रेरी में इस शिलालेख के उल्लेख से स्पष्ट है कि विक्रमादित्य का शासन या पहुँच अरब प्रायद्वीप तक निश्चित ही थी।
    • इस निष्कर्ष का सहायक निष्कर्ष इस प्रकार हैं कि दिल्ली स्थित कुतुब मीनार विक्रमादित्य के अरब देशों की विजय के जश्न को मनाने हेतु बनाया एक स्मारक भी हो सकता है। इसके पीछे दो मजबूत कारण हैं, पहला यह कि तथाकथित कुतुब-मीनार के पास स्थित लोहे के खम्भे पर शिलालेख दर्शाता है कि विजेता राजा विक्रमादित्य की शादी राजकुमारी बाल्हिका से हुई। यह “बाल्हिका” कोई और नहीं पश्चिम एशिया के बाल्ख क्षेत्र की राजकुमारी हो सकती है। ऐसा हो सकता है कि विक्रमादित्य द्वारा बाल्ख राजाओं पर विजय प्राप्त करने के बाद उन्होंने उनकी पुत्री का विवाह विक्रमादित्य से करवा दिया हो।
    • अथवा, दूसरा तथ्य यह कि कुतुब-मीनार के पास स्थित नगर “महरौली”, इस महरौली का नाम विक्रमादित्य के दरबार में प्रसिद्ध गणित ज्योतिषी मिहिरा के नाम पर रखा गया है।
    • इस्ताम्बुल स्थित प्रसिद्ध लायब्रेरी मखतब-ए-सुल्तानिया, जिसकी ख्याति पश्चिम एशिया के सबसे बड़े प्राचीन इतिहास और साहित्य का संग्रहालय के रूप में है। लायब्रेरी के अरेबिक खण्ड में प्राचीन अरबी कविताओं का भी विशाल संग्रह है।
    • यह संग्रह प्राचीन अरबी कविताओं का सबसे आधिकारिक, सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण संकलन माना जाता है। यह प्राचीन अरब जीवन के सामाजिक पहलू, प्रथाओं, परम्पराओं, तरीकों, मनोरंजन के तरीकों आदि पर पर्याप्त प्रकाश डालता है। इस प्राचीन पुस्तक में प्रतिवर्ष मक्का में आयोजित होने वाले समागम जिसे “ओकाज़” के नाम से जाना जाता है, और जो कि काबा के चारों ओर आयोजित किया जाता है, के बारे में विस्तार से जानकारियाँ दी गई हैं। काबा में वार्षिक “मेले” (जिसे आज हज कहा जाता है) की प्रक्रिया इस्लामिक काल से पहले ही मौजूद थी, यह बात इस पुस्तक को सूक्ष्मता से देखने पर साफ़ पता चल जाती है।

Sunday, August 23, 2009

Shades Of Saffron: Cruel Aurangzeb and soft hearted Hindus

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    • When Aurangzeb imposed Jizya tax on Hindus, about thousands of Hindus went to Delhi to meet Aurangzeb. Their intention was to plead before Aurangzeb untill he feals pity for them. They thought that if they plead before the Badshah, cry for justice and ask him to beat them as much he can, then he will feel guilty and scrap the Jizya tax.

      About thousands of Hindus gathered around the fort. On Friday the Badshah was suppose to go to the Masjid. Aurangzeb sat on the Royal elephant and marched towards the Masjid. The Hindus decided to block his way and stage protest. Aurangzeb stopped for sometime, until a Mullah said, "If you wait for any more time you'll be late for the Namaz". Aurangzeb then ordered to let the elephant proceed by stamping Hindus. Finally Aurangzeb reached at the Masjid for Namaz on time by letting Hindus die like worms and insects.

      ::.. Source ..::
      Article published on 'Sanatan Prabhat' which was extracted from 'Swatantraveer, Diwali Visheshank 2006', written by Swatantraveer V. D. Savarkar.

      The act of Hindus who died was no different from Gandhiji's 'Gandhigiri'. O Hindus! if you continue following Gandhigiri you tend to be killed by terrorists (or modern day Aurangzebs). It is need of the hour to use weapons and teach all anti hindus a lesson of a lifetime.

Mangalorean.Com- Muslim girl students can wear Burkha in uniform colour, Bharath gets threat calls

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    • Puttur/Mangalore
    • In a bid to solve the controversy in SVS College, Bantwal over the ban on Muslim girls wearing the traditional burkha, the management of Uppinangady Govrernment First Grade College today took the decision to allow the students to wear headscarf in the college uniform colour.
    • Threats

      The SVS college union president Mr Bharath Kulal today lodged a complaint with the Bantwal Town police alleging that he has been receiving threat calls on his cell phone.

      Addressing the presspersons here today Bharath said he has received four threat calls so far with the first call on Tuesday, a day after the veil controversy was unfolded by the media. He said he received two more calls on Wednesday and also on Thursday from an international number presumed to be through VoIP as the number was prefixed with +12053 and +4044. The caller who refused to identify himself spoke in Tulu and reportedly threatened Bharath of dire consequences.

Saturday, August 22, 2009

Congress wins over Muslim outfit: India Today

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    • Known as "All India Muslim Forum", the outfit was born in late 1992 in the aftermath of the demolition of Babri Masjid. Setting up of the 'Forum' headed by firebrand radical trade union leader Nehaluddin Ahmad was seen as an angry expression of minority community's feelings both against Congress and its Prime Minister P.V. Narsimha Rao

New fatwa from Darul Uloom Ulema: Skip political iftaar- Politics/Nation-News-The Economic Times

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    • NEW DELHI: Iftaar parties, which are being used by politicians for making politically overt gestures and networking with Muslim leaders, have no religious sanction. Darul Uloom Nadwatul Ulema has issued a fatwa stating that holding of Iftaar by political parties had no religious sanctity.
    • On a query of Colonel (retd) M J Shamsi, Mufti Zahoor Nadvi of the Darul Ifta said that there is no religious sanctity to Iftaar organised by political parties as these functions are thrown for vested interests.
    • The practice of organising Iftaar in Uttar Pradesh was started in the 1970s when then chief minister H N Bahuguna organised one such Iftaar party for the rozedars. Later Indira Gandhi used it for wooing the Muslim community. Since then, it became an annual feature for different political parties and their eminent to organise such functions.

Mangalore: Merchant Stabbed near Central Market - D A I J I W O R L D

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    • Mangalore
    • A merchant was stabbed near the Central Market in the city, just opposite the police outpost near Kalpana Sweets stall, on the night of Friday August 21, by four unidentified persons. Ibrahim (30), who was seriously injured in the incident, is being treated in the intensive care unit of a private hospital here.
    • The incident occurred in the heart of the city, even when the ban order imposed by the district administration is in force and the police personnel have been keeping a tight vigil. Ibrahim, who runs a vegetable shop opposite Roopavani Talkies near the spot where the incident took place, was going home at about 8.30 pm on his motor bike, when four strangers stopped him near Kalpana Sweets and escaped after stabbing his back with sharp weapons. The motor bike of Ibrahim was found lying at the spot of the incident, and the Bunder station policemen have taken it to the police station.

Shiv Sena demands action against artists for hurting Hindu sentiments

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    • Ahmedabad
    • The Porbandar unit of the Shiv Sena has forwarded an application to the district superintendent of police demanding lodging of an offence against two stage artists for hurting Hindu sentiments.

       

      Ashok Thanki, vice-president of the Porbandar Shiv Sena unit said Vasant and Paresh (both brothers) had delivered jokes targeting Hindu gods and goddesses at a function in Bhavnagar.

Woman performs last rites of husband in Uttar Pradesh - India - NEWS - The Times of India

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    • LUCKNOW
    • Nearly 1,500 residents of a village in Uttar Pradesh stood by a woman, who in a rare departure from traditional Hindu custom, performed the last rites of her husband.

      Mangri, 55, conducted the last rites, which is still a taboo for women, in the Bhagwatpur village in Kushinagar district, some 300 km from this state capital, Friday.
    • "When we were thinking about who would perform Nanhe's last rites as there was no male member in his family, Mangri came forward and expressed her desire to carry out the last rites," said Suresh Baiswar, a primary school teacher in the village.
    • The residents of Bhagwatpur village even raised funds for the last rites.